महिला आयोग की अध्यक्ष रेनू भाटिया के समक्ष रखी पींडित महिलाओं की शिकायतें, जल्द कार्रवाई का आश्वासन

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करनाल विजय कांबोज।। महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने एवं बराबरी का हक दिलाने के लिए महिला सशक्तिकरण ग्रामीण इलाकों में जागरूकता फैलाने का काम कर रहा है। महिला सशक्तिकरण के प्रदेशाध्यक्ष शमशेर सिंह कई वर्षाें से महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कार्यक्रमों का आयोजन कर उन्हें जागरूक करने का काम कर रहे हैं। महिला सशक्तिकरण के प्रदेशाध्यक्ष शमशेर कश्यप ने महिला आयोग की अध्यक्ष रेनू भाटिया से मुलाकात कर करनाल जिले की पींडित महिलाओं की शिकायतें उनके समक्ष रखी। उन्होंने इस मुलाकात के दौरान करनाल जिले में न्याय से मिलने से पीडिंत महिलाओं की शिकायतों को भी उनके समक्ष रखा। उन्होंने बताया कि ऐसी महिलाएं, जो ससुरालजनों, पति व अन्य लोगों के अत्याचार सहन कर रही हैं, थाने में शिकायत देने के बावजूद भी  कोई कार्रवाई नही हुई है, यह सभी शिकायतें उनके समक्ष रखी गई। मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए महिला सशक्तिकरण के प्रदेशाध्यक्ष शमशेर कश्यप ने कहा कि कानून के समक्ष महिलाओं को समानता का अधिकार है। महिलाएं अपने सम्मान सुरक्षा स्वरक्षा व अधिकारों के प्रति जागरूक हों। ताकि महिला सशक्तिकरण की अवधारणा सही रूप में साकार हो सके। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण से जुड़ी महिलाएं और अन्य सदस्य भी इसी को लेकर जागरूक कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि महिला सशक्तिकरण की भावना को लेकर आयोजित कार्यक्रमों में महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाता है। महिला सशक्तिकरण के प्रदेशाध्यक्ष शमशेर कश्यप पधाना ने बताया कि महिला सशक्तिकरण की ओर से महिलाओं युवतियों एवं किशोरियों को उनके अधिकार बताकर उन्हें जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने महिलाओं एवं युवतियों को आपात स्थिति या मुसीबत पड़ने पर हेल्पलाइन नंबरों की मदद लेने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि आज बदलते परिवेश में समाज की प्रगति के साथ ही महिलाओं की असुरक्षा की परिस्थितियां भी बनीं हैं। प्रदेशाध्यक्ष शमशेर कश्यप ने कहा कि महिलाएं सभी क्षेत्रों में पुरुषों से मुकाबला तो कर रही है, लेकिन अब तक महिलाओं को बराबरी का हक नहीं मिल सका है। उन्होंने कहा कि महिलाएं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन भी कर रही हैं। बावजूद महिलाएं अपनी क्षमता के अनुसार अधिकार प्राप्त नहीं कर पाई हैं। ऐसी स्थिति में लड़कियों व महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति सजग होकर मानसिक रूप से भी सशक्त होना होगा। ताकि वह अपने लक्ष्य तक पहुंच सके। मानसिक रूप से सशक्त नारी ही अपने अधिकारों को समुचित उपयोग कर देश व समाज के प्रति अपने कर्तव्यों का पूरी तरह से निर्वहन कर सकती है।