इंद्री विजय कांबोज।।
जम्मू में हो रहे नेशनल फुटबॉल अंडर 17 गर्ल्स में हरियाणा की टीम ने रजत पदक जीतकर प्रदेश ही नहीं देश में अपनी एक अलग छाप छोड़ी है।उसी कड़ी में इंद्री हलके के गांव गढ़ी गुजरान से आशा हरियाणा की टीम में खेली और कड़ी मेहनत कर टीम को रजत पदक दिलाया। जिससे गांव में खुशी का माहौल है रजत पदक जीतकर लौटे खिलाड़ी का गांव के ग्रामीण व परिवार के लोगों ने जोरदार स्वागत किया। पदक लेकर गांव पहुंची खिलाड़ी आशा ने बताया कि वह अपनी नानी के घर रहती थी वहां पर उसे फुटबॉल खेलने की प्रेरणा मिली उन्होंने बताया कि कर्ण स्टेडियम करनाल में कोच के द्वारा दी गई ट्रेनिंग से आज वह इस मुकाम पर पहुंच पाई है कठिन परिश्रम और मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती। उन्होंने बताया कि उनकी इस जीत में परिवार व कोच का सबसे बड़ा हाथ है आने वाले समय में भारतीय फुटबॉल टीम में खेलने का सपना है। खिलाड़ी की मां निशा ने बताया कि वह एक गरीब परिवार से है उनका अपना खुद का मकान भी नहीं है इतनी मुश्किलों के बावजूद वह अपनी चार बेटियों व एक बेटे का पालन पोषण कर रही है।आशा को खेलने का काफी शौक था और इस शौक के चलते आज वह इस मुकाम पर पहुंची है हमारे परिवार में खुशी का माहौल है और आगे भी हमारी बेटी इसी तरह हल्का व प्रदेश का नाम रोशन करेगी। इस विषय में जानकारी देते हुए कोच धीरज व नरेंद्र कुमार ने बताया कि सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली आशा आज उन बच्चों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी है जो आज के समय में बहुत कम बच्चे बनते हैं। आशा काफी मेहनती और परिश्रमी लड़की है जिसने काफी कठिनाइयों का सामना करके आज यह मुकाम हासिल किया है। स्कूल का स्टाफ बच्चे व पूरा गांव आज इस सफलता से बहुत खुश है और गांव में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया जिसमें आशा को सम्मानित ग्राम पंचायत की तरफ से किया गया। उन्होंने बताया कि बच्चों को खेलों की और बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा भी समय-समय पर जागरूक किया जाता है।