जिला शिक्षा सदन अंबाला में एनरोलमेंट ड्राइव एवं प्रवेश उत्सव को लेकर महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न

सरकारी विद्यालयों में शत-प्रतिशत नामांकन एवं शून्य ड्रॉप-आउट का लक्ष्य
अम्बाला(जयबीर राणा थंबड)
जिला शिक्षा सदन अंबाला में जिला शिक्षा अधिकारी सुरेश कुमार की अध्यक्षता में एनरोलमेंट ड्राइव एवं प्रवेश उत्सव के तहत निरंतरता में एक अन्य बैठक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में जिले के सभी छह खंडों के खंड शिक्षा अधिकारी, जिला गणित विशेषज्ञ, जिला विज्ञान विशेषज्ञ, डीoपीoसीo ऑफिस से एoपीoसीo, डाइट मोहड़ा अम्बाला से फैकल्टी सदस्य एवं अन्य संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

बैठक में निम्नलिखित प्रमुख बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की गई:
इस बैठक का प्रमुख उद्देश्य जिले में शत-प्रतिशत छात्र नामांकन सुनिश्चित करना तथा शून्य ड्रॉप आउट (Zero Dropout) का लक्ष्य प्राप्त करना रहा। साथ ही, सरकार द्वारा प्रारंभ किए गए प्रवेश उत्सव अभियान को सफलतापूर्वक लागू करने एवम् उस्ताहपूर्वक एवं सहर्ष मनाने की दिशा में रूपरेखा एवम् उस के 100 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति के लिए विशेष बिन्दुओं व विभिन्न पहलुओं पर भी पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। विद्यालयों के बुनियादी ढांचे एवं शिक्षण गुणवत्ता में सुधार के लिए त्वरित कदम उठाए जाएंगे।

सभी खंडों के एवं जिले के एनरोलमेंट प्लान पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई। सभी ए0पी0सी0को ड्रॉप आउट पर निगरानी रखने एवं शून्य ड्रॉप-आउट का लक्ष्य के लिए आदेश दिए एवं सभी डाइट फैकल्टी को विभाग के नियम अनुसार क्लस्टर बांटकर एनरोलमेंट बढ़ाने हेतु भरसक प्रयास करने हेतु आदेश दिए।

बैठक में जिले में संचालित ऐसे सभी राजकीय प्राथमिक विद्यालयों जहां वर्तमान में छात्र संख्या 20 से कम है तथा राजकीय उच्च विद्यालयों की जहां विद्यार्थियों की संख्या 60 से कम है, की पहचान पर विशेष चर्चा की गई। इन विद्यालयों में विशेष प्रयासों द्वारा नामांकन वृद्धि सुनिश्चित की जाए। इन विद्यालयों में कम छात्र संख्या के कारणों की गहन समीक्षा की गई और समस्याओं के समाधान हेतु रणनीतियाँ निर्धारित की गईं।

संबंधित विद्यालयों में घर-घर संपर्क अभियान चलाया जाएगा। अभिभावकों, ग्राम पंचायत, समाज के गणमान्य व्यक्तियों एवं सामाजिक संस्थाओं की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। गांवों, मोहल्लों, कॉलोनियों आदि में जागरूकता अभियान चलाकर शिक्षा के प्रति सकारात्मक वातावरण तैयार किया जाएगा।

जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि आगामी शिक्षण सत्र में जिले के किसी भी योग्य बच्चे का नामांकन छूटने न पाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रत्येक विद्यालय स्तर पर टीम बनाकर सतत निगरानी की जाएगी और ड्रॉप-आउट छात्रों को पुनः विद्यालय से जोड़ने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। सभी विद्यालयों को अपने-अपने क्षेत्र को “Zero Dropout Zone” घोषित करने हेतु कार्य करना होगा।

एमआईएस पोर्टल का प्रतिदिन अपडेट अनिवार्य। 100% ट्रांजिशन और नामांकन। विद्यालयों में 100% ट्रांजिशन (यानी हर स्तर से अगली कक्षा में प्रोन्नति व नामांकन) अनिवार्य रूप से किया जाए। सभी विद्यालयों को निर्देशित किया गया कि एमआईएस पोर्टल को प्रतिदिन अद्यतन (update) करें। सभी विद्यार्थियों की कक्षा, सेक्शन व विषय एलोकेशन की प्रविष्टि अनिवार्य रूप से की जाए।

शिक्षकों द्वारा प्रतिदिन विद्यार्थियों की अटेंडेंस पोर्टल पर दर्ज करना सुनिश्चित किया जाए।

नियमित कक्षाएं और समय सारणी । सभी विद्यालयों में नियमित रूप से कक्षाएं संचालित की जाएं। प्रत्येक विद्यालय में प्रॉपर टाइम टेबल (समय सारणी) तैयार की जाए और उसका पालन सुनिश्चित किया जाए।
Never Admitted यानी कभी भी स्कूल में प्रवेश न लेने वाले बच्चों की पहचान कर, उनका तत्काल प्रवेश सुनिश्चित किया जाए।

प्रतिदिन की Transfer एवं Compiled Admission Report तैयार कर विभाग को भेजी जाए। सभी अधिकारी विद्यालयों का स्वयं फिजिकल विजिट करें, और वास्तविक स्थिति का आकलन करें। वीडियो, फोटोग्राफ और केस स्टडी के माध्यम से दस्तावेजीकरण किया जाए। सभी गतिविधियों की संगठित रिपोर्टिंग और सतत निगरानी
सुनिश्चित की जाए। ज़िलास्तरीय मॉनिटरिंग टीम गठित कर सतत निगरानी रखी जाए ताकि कोई बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।

विभाग के निदेशानुसार हीट-वेव (Heat Wave) पर विस्तारपूर्वक चर्चा की एवम् हिदायतों के पालन को सुनिश्चित करने हेतु आदेश दिए।

बैठक के अंत में यह आशा व्यक्त की गई कि जिले का शिक्षा विभाग मिलकर शत-प्रतिशत नामांकन एवं शून्य ड्रॉप-आउट का लक्ष्य समयबद्ध रूप से प्राप्त करेगा और शिक्षा के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित करेगा। बैठक का उद्देश्य केवल प्रशासनिक दिशा-निर्देश देना नहीं था, बल्कि जिले को “शिक्षा के क्षेत्र में मॉडल जिला” बनाने की दिशा में ठोस पहल करना भी था। जिला शिक्षा अधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि “शिक्षा सभी का अधिकार है, और इसे हर बच्चे तक पहुँचाना हमारा नैतिक व प्रशासनिक दायित्व है।”

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