
कहा: उचित खानपान नहीं मिलने से महिलाएं होती हैं बीमार
स्वस्थ महिला सशक्त समाज जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
महिलाओं व छात्राओं ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के जरिये दिया बराबरी का संदेश
इन्द्री विजय काम्बोज
उपमंडल के गांव कैहरबा में माता कृष्णा देवी स्मारक समिति व देस हरियाण द्वारा ग्राम पंचायत के सहयोग से स्वस्थ महिला-सशक्त समाज जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए महिला स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. नवजोत कश्यप और सामाजिक कार्यकर्ता निर्मला ने महिलाओं के स्वास्थ्य और खानपान पर चर्चा की। कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्राम सरपंच नत्थू लाल पंूडरीक ने की और संचालन सामाजिक कार्यकर्ता गुंजन ने किया।
कार्यक्रम में चन्द्रवती, रीटा, सुषमा, कमलजीत, सिमरण, सोनम, खुशी, विशू, रजनी, तन्नू, नेहा, शगुन, पायल, वंशिका, रिया सहित गांव की अनेक छात्राओं ने नृत्य, कोरियोग्राफी और गीतों के माध्यम से महिलाओं के श्रम को उजागर किया और लड़कियों की बराबरी का संदेश दिया। कार्यक्रम के प्रबंधन में रजनी, खुशी, दिशा, सोनम, सिमरण ने योगदान किया। डॉ. नवजोत कश्यप ने अपने संबोधन में कहा कि महिलाएं परिवार व समाज की रीढ़ हैं, जिनके बिना कोई समाज आगे नहीं बढ़ सकता। लेकिन श्रम के बंटवारे में महिलाओं के हिस्से बहुत अधिक काम आता है और उस काम को काम व सम्मान की नजर से नहीं देखा जाता। समाज में बहुत अधिक काम करने और खानपान का ध्यान नहीं देने के कारण महिलाएं अनेक प्रकार की बीमारियों की चपेट में आ जाती हैं। ऐसे में उचित खानपान लेना और स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत होने पर समय पर चिकित्सक का परामर्श लेना अत्यंत आवश्यक है।
सामाजिक कार्यकर्ता निर्मला ने कहा कि ज्ञान और जागरूकता विकास का मूलमंत्र है। महिलाएं इस मामले में बाकायदा पीछे रखी जाती हैं। कईं बार महिलाएं खुद भी अपने अधिकारों के प्रति उदासीन होती हैं, जिससे वे विभिन्न संस्थाओं में अपना योगदान नहीं दे पाती हैं। उन्होंने जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के प्रति भी महिलाओं को जागरूक किया। ग्राम सरपंच नत्थू लाल पूंडरीक ने उनकी पंचायत महिला उत्थान व सुरक्षा के प्रति निरंतर कार्य कर रही है। भविष्य में भी सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर पंचायत इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम करने के लिए सदैव तत्पर है। उन्होंने कहा कि पंचायत शिक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करते हुए सामाजिक बुराईयों को समाप्त करना चाहती है।

सामाजिक कार्यकर्ता गुंजन ने देश की पहली शिक्षिका सावित्रीबाई फुले और क्षेत्र की प्रथम प्रशिक्षित दाई कृष्णा देवी के जीवन और कार्यों के बारे में बताते हुए कहा कि ये सशक्त महिला की मिसाल हैं। उन्होंने कहा कि सावित्रीबाई फुले द्वारा लड़कियों के लिए खोले गए पहले स्कूल, पहले प्रसूति गृह व विधवाओं के जीवन को बेहतर बनाने के लिए उनके कार्यों को हम सभी जानते हैं। उन्होंने कहा कि कृष्णा देवी ने गांव की महिलाओं को सुरक्षित प्रसूति और बच्चों की देखभाल के बारे में जो कार्य किया है, उसे भुलाया नहीं जा सकता। कार्यक्रम के समापन में पंचायत की तरफ से सरपंच की पत्नी नरेश, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शकीना, रीटा व सुषमा ने नवजोत कश्यप को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। रेखा, संतोष व सुमन ने निर्मला को सम्मानित किया। गीत की प्रस्तुति देने के लिए बुजुर्ग महिला चन्द्रवती और सभी प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया।