गढ़ी साधान में ग्रामीणों को स्वच्छता, जल संरक्षण और पॉलिथीन के दुष्परिणामों के प्रति किया गया जागरूक

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इन्द्री विजय काम्बोज ||

जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव कुमार के दिशा-निर्देशानुसार एवं खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी के मार्गदर्शन में विश्व पर्यावरण दिवस को ब्लॉक स्तर पर मनाने के लिए आज गांव गढ़ी साधान में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में ग्रामीणों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया और ग्रामीणों को स्वच्छता एवं साफ-सफाई, जल संरक्षण व पॉलीथिन के प्रयोग से होने वाली हानियों के प्रति भी जागरूक किया व युवाओं को अपने गाँव के विकास में योगदान देने का आह्वान भी किया गया।
कार्यक्रम में बोलते हुए स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के खंड समन्वयक ब्रह्मïजीत ने ग्रामीणों को बताया कि 5 जून को पूरे विश्व में पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष में उन्होंने बताया कि प्रदूषण  एक विश्वव्यापी समस्या बन गई है। उद्योगों और मोटर वाहनों का बढ़ता उत्सर्जन और वृक्षों की निर्मम कटाई प्रदूषण के कारण है। पशु-पक्षी, पेड़-पौधे और इन्सान सब विश्व व्यापी समस्या की चपेट में है। पेट्रोल, डीजल व कोयले के प्रयोग से कार्बन-डाइऑक्साइड, मीथेन नाइट्रस आक्साइड आदि गैसें निकलती हैं, जिसके कारण हमारे वातावरण पर असर पड़ता है। यह पृथ्वी के तापमान में वृद्धि करता है और मौसम में अवांछनीय बदलाव ला देता है। उन्होंने कहा कि औद्योगीकरण और शहरीकरण से जुड़ी एक दूसरी समस्या जल प्रदूषण है। जल प्रदूषण उद्योगों का रासायनिक कचरा और प्रदूषित पानी तथा कूड़ा कचरा नदियों में छोड़ दिया जाता है जिसकी वजह से नदियां अत्यधिक दूषित होने लगी है।  इसके अलावा एक अन्य पर्यावरणीय समस्या वनों की कटाई है। पेड़-पौधे कार्बन-डाइऑक्साइड गैस को अवशोषित कर पर्यावरण को संतुलित बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। यदि हमें पर्यावरण को दूषित होने से बचाना है तो अधिक से अधिक पौधे लगाने होंगे। पेड़-पौधों से न केवल हमें ऑक्सीजन मिलती है, बल्कि पेड़-पौधे पर्यावरण को दूषित होने से भी बचाते हैं।
खंड समन्वयक ब्रह्मïजीत ने बताया कि दैनिक जीवन में पॉलिथीन का प्रयोग जितना सुविधाजनक लगता है, उसका परिणाम उतना  ही घातक है क्योंकि प्रयोग किए गए पॉलीथिन को नष्ट करना गंभीर समस्या है। यह जलने में पूरी तरह सक्षम नहीं है व जलने पर पॉलिथीन पूरी तरह नष्ट नहीं होते। इससे पर्यावरण प्रदूषित होता है।  पॉलिथीन उपयोग का कोई लाभ नहीं बल्कि हानि ही हानि है। उन्होंने कहा कि हम सब का कर्तव्य है कि स्वच्छता अभियान में अपना पूरा सहयोग दें और नि:संकोच अपने घर व आसपास की स्वयं सफाई करें तथा अन्य लोगों को भी सफाई के प्रति प्रेरित करें।  अगर हमारे आसपास का वातावरण स्वच्छ होगा तो हमारा स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा। उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान बहुत महत्वपूर्ण अभियान है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे स्वच्छता अभियान में बढ़चढकऱ भाग लें। सफाई का जीवन में बहुत महत्व है। गंदगी के कारण अनेक बीमारियां पनपती हैं जिससे परिवार की कमाई का ज्यादातर हिस्सा दवाइयों पर खर्च हो जाता है। उन्होंने कहा कि 50 प्रतिशत गंदगी पॉलीथिन के प्रयोग से फैलती है। इसलिए सभी प्रण ले कि पॉलीथिन का प्रयोग नहीं करेंगे और अपने आसपास पूरी सफाई रखेंगे तथा कूड़े-कचरे को डस्टबिन में ही डालें ताकि प्रदेश व देश स्वच्छ बन सके।
इस मौके पर ग्राम सचिव शिवानी वर्मा, सरपंच प्रतिनिधि संतकुमार, आंगनवाडी वर्कर ममता रानी, दर्शना देवी सहित काफी संख्या में पुरूष एवं महिलाएं भी उपस्थित रहीं।