मोहर्रम का पूरा महीना खानदाने रसूल की शहादत की बहुत याद दिलाता है-मौलाना देहलवी

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इन्द्री विजय कांबोज ||
उपमंडल के गांव सैयद छपरा में अंजुमन यादगारे हुसैनी द्वारा मोहर्रम की मजलिसों का आयोजन किया जा रहा है। मजलिस को संबोधित करते हुए मौलाना जिनान असगर देहलवी ने कहा कि मोहर्रम बच्चों, महिलाओं सहित लोगों पर ढ़ाए गए जुल्म में सितम की कभी न भूली जाने वाली दर्द भरी कहानी है। मोहर्रम में इमाम हुसैन सहित उनके मासूम बेटे और साथियों को शहीद कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि कर्बला में इमाम हुसैन की शहादत ने पूरी दुनिया में इस्लाम का बोलबाला कर दिया। जो जुल्म और सितम यजीद और उनके साथियों ने पैगंबर मोहम्मद के खानदान पर किए उसे शायद ही कोई भूल सकता है। कर्बला में शहीद नवास-ए-रसूल इमाम हुसैन के कटे हुए सर की तिलावत को देखकर लोग हैरान रह गए। मौलाना ने बताया कि यजीदीयों ने इमाम हुसैन के 6 महीने के बेटे अली असगर को भी नहीं छोड़ा ओर उसे भी तीरों से छलनी-छलनी कर दिया। मोहर्रम का पूरा महीना खानदाने रसूल की शहादत की बहुत याद दिलाता है। दरअसल बादशाह यजीद ने अपनी सत्ता कायम करने के लिए इमाम हुसैन और उनके परिवार को बेदर्दी से मौत के घाट उतार दिया था। इस वाक्य को सुनकर सभी औरत मर्द और बच्चे फूट-फूट कर रोने लगे। इस मौके पर अंजुमन यादगार हुसैनी के संयोजक रजा अब्बास, अली रहमान, असद रजा, समीम अब्बास, मोहम्मद कासिम, हसन अब्बास, मौलाना अब्बास रजा, असगर अब्बास, मजाहिर हसन आदि श्रद्धालु मौजूद रहे।