
माइनिंग अधिकारी के किराए देने वाले पत्र को किसानों ने किया खारिज
कहा: नही चाहिए हमें अपनी काश्त भूमि का किराया, करेगें धान रोपाई
13 को पानीपत में माइनिंग विभाग के प्रमुख का जलाएंगे पुतला: सुरेंद्र सागवान
जिला प्रशासन को अडियल रवैया छोड़ कर निकाले समाधान का रास्ता: महताब कादियान
करनाल,|| मुस्तफाबाद गांव के मामले में माईनिंग अधिकारी की ओर से मैसर्ज मेक्स माइनिंग कंपनी को किसानों के खातों में एक लाख रुपए की राशि प्रति एकड़ की दर से बतौर भूमि किराया देने का आदेश पत्र जारी किया गया है। इस पत्र को किसानों ने सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी भूमि का किसी प्रकार का किराया नहीं चाहिए। इस आदेश की प्रति तीन गांव के 11 किसानों को भी सूचनार्थ भेजी गई है। ड़ाक विभाग के जरिए भेजे गए रजिस्टर्ड पत्र में डाकवाला गुजरान के पालाराम, राजकली, सरोज रानी, कविता तथा शेखुपुरा के महाबीर सिंह, सुमन, ओमप्रकाश व मुस्तफाबाद के विजय कुमार, पवन कुमार, राम सिंह व दयाल सिंह के नाम शामिल है। पालाराम सहित कई किसानों ने भारतीय किसान यूनियन(भाकियू) के करनाल स्थित दीनबंधु सर छोटूराम किसान भवन प्रादेशिक कार्यालय में पहुंच कर प्रदेश संगठन मंत्री शाम सिंह मान, उतरी हरियाणा प्रभारी महताब कादियान, प्रवक्ता सुरेंद्र सागवान को उक्त पत्र की प्रति को सौंप कर कहा कि हम किसी भी कीमत पर अपनी काश्त भूमि का किराया नहीं लेना चाहते है। किसान नेताओं ने कहा कि अभी भी प्रशासनिक अधिकारी किसानों की काश्त भूमि को मैसर्ज मेक्स माईनिंग कंपनी के हवाले करने के प्रयास कर रहे है। किसान कई बार करनाल के एसडीएम अनुभव मेहता को अपनी जमीन को किसी भी कंपनी को नही देने के लिए अपनी फरियाद लिखित तौर पर दे चुके है। फिर भी करनाल प्रशासन की ओर से किसान विरोधी प्रक्रिया अपनाई जा रही है। किसान नेता महताब कादियान ने कहा कि जिला प्रशासन को अडियल रवैया छोड़ कर दोनों पक्षों को बुला कर समाधान करने का रास्ता निकालना चाहिए। भाकियू भी हमेशा बातचीत से समाधान करने की पक्षधर रही है। भाकियू प्रवक्ता सुरेंद्र सागवान ने कहा कि आनेवाली 13 जून को पानीपत स्थित माईनिंग विभाग के अधिकारी का भाकियू के कार्यकर्ताओं द्वारा पुतला फूंक कर विरोध जताया जाएगा। इस अवसर पर किसान बबलू सोहाना, कविंद्र बदरान, हुकम सिंह, भरतरी मान सहित कई पदाधिकारी मौजूद थे।
फोटों:-किसान भवन में किराए पत्र को खारिज करते हुए किसान।