जिलेभर में धूमधाम से मनाया गया संघ स्थापना का शताब्दी उत्सव, करनाल सहित जिले भर के 47 स्थानों पर हुए कार्यक्रम

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जिलेभर में धूमधाम से मनाया गया संघ स्थापना का शताब्दी उत्सव, करनाल सहित जिले भर के 47 स्थानों पर हुए कार्यक्रम, विभिन्न खंडों और मंडलों में निकाला गया पथ संचलन, हुई शस्त्र पूजा
शाखा कोई जमीन नही अपितु तपोभूमि है: प्रेम गोयल 
करनाल विजय काम्बोज ||
विजयदशमी के उपलक्ष में संघ के सौ वर्ष पूरा होने पर जिले के करीब 47 स्थान पर धूमधाम से संघ का शताब्दी उत्सव मनाया गया। इस अवसर पर करनाल सहित घरौंडा, असंध, तरावड़ी, नीलोखेड़ी और इंद्री सहित सभी खंडों और मंडलों में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इनमें संघ के वक्ताओं द्वारा संघ की देश, समाज व संस्कृति के उत्थान में भूमिका और भावी योजनाओं के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला गया। इस अवसर पर पूर्ण गणवेश में उपस्थित संघ के स्वयंसेवकों ने समारोह स्थल पर शस्त्र पूजन किया और घोष व वाद्य यंत्रों की धुन पर पथ संचलन निकाला। संचलन के दौरान संघ के स्वयंसेवकों का अनुशासन देखते ही बनता था। कदमताल करते हुए स्वयंसेवकों ने मुख्य मार्गो से होते हुए अपनी यात्रा पूर्ण की। पथ संचलन से पहले कार्यक्रम स्थल पर शाखा लगाई गई। स्वयंसेवकों द्वारा देशभक्ति से परिपूर्ण एकल और सामूहिक गीत का गायन किया गया। ध्वज प्रणाम करने के बाद आए हुए अतिथियों ने अपना संदेश दिया।
करनाल में सात उपनगरों में कार्यक्रम आयोजित किए गए। प्रताप उपनगर का कार्यक्रम स्थानीय अटल पार्क में आयोजित हुआ जहां संघ के वरिष्ठ प्रचारक रहे और वर्तमान उत्तर क्षेत्र कार्यकारिणी के सदस्य प्रेम कुमार गोयल ने मुख्य वक्ता के रूप में भाग लिया। कार्यक्रम में देश के प्रसिद्ध चावल निर्यातक और समाज सेवी विजय सेतिया मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
शताब्दी उत्सव पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए  प्रेम गोयल ने कहा कि विजयदशमी संघ के 6 उत्सवों में एक है। बड़े गौरव की बात है कि संघ की आज से 100 वर्ष पहले कुछ विद्यार्थियों को लेकर नागपुर में स्थापना हुई। यह शताब्दी वर्ष है। इस दौरान संघ अनेक कार्यक्रम आयोजित करेगा। उन्होंने कहा कि मैं महृषि वाल्मीकि जी को प्रणाम करता हूँ जिन्होंने राम के जन्म से पहले ही राम का चरित्र लिख दिया। आज भारत से बाहर 47 देशों में रामलीला का मंचन होता है। रामलीला का मंचन केवल मनोरंजन या भीड़ इकट्ठा करने के लिए नहीं बल्कि उन आदर्शो और जीवन मूल्यों की स्थापना के लिए किया जाता है जिनकी समाज को आवश्यकता है। इन्ही मूल्यों के कारण सदियों तक भारत विश्व गुरु रहा। उन्होंने कहा कि विजयदशमी पर संघ के स्वयंसेवक ऐसी योजना बनाते है जिसमे शास्त्र पूजन और पथ संचलन किया जाता है।
प्रेम गोयल ने कहा कि देश मे राम राज्य की स्थापना हो इसके लिए हमे उनके दिखाए मार्ग औरय उनके आदर्शों को अपनाना होगा। हम परिवारों में संस्कार दें, इकठ्ठे मिलकर बैठे और चर्चा करें क्योंकि आदर्श परिवार से ही आदर्श समाज का निर्माण होता है। उन्होंने कहा कि आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 100 वर्ष का हो गया है। इस दौरान संघ ने अनेक उतार-चढ़ाव देखे है। कुछ शक्तियों ने संघ को समाप्त करने का प्रयास किया। आपातकाल में विभिन्न तरह के आरोप लगा कर प्रतिबन्ध लगाया। महात्मा गांधी की हत्या का झूठा आरोप लगाकर बदनाम करने का प्रयास भी किया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया। प्रेम गोयल ने कहा कि आपातकाल में करनाल की जेल में अनेक बड़े नेताओं को रखा गया था। यहां जेल में भी संघ की शाखा लगती थी। सत्याग्रह शुरू हुआ और अंत मे संघ पर से प्रतिबंध हटा। अनेक संगठन इसके अंतर्गत समाज हित के काम कर रहे है। शाखा के साथ ही सब कार्य होता है। हमे दोबारा भारत को उन्ही ऊंचाइयों पर पहुंचाना है। जैसे शरीर के हर अंग का काम अलग है लेकिन सबमे एक अटूट सम्बन्ध है। ऐसे ही समाज को एकजूट करना संघ का लक्ष्य है। संघ नेता ने कहा कि संघ ने पंच प्रण को अपनाया है जिसमे पर्यावरण की सुरक्षा, कुटुंब प्रबोधन, नागरिक कर्तव्य और स्वदेशी का भाव शामिल है। उन्होंने कहा कि मेड इन इंडिया अब मेड इन भारत होना चाहिए। स्वदेशी से भारत मजबूत बनेगा और विश्व गुरु बनेगा। भारत सकल विश्व को राह दिखाने वाला है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विजय सेतिया ने कहा कि आजादी के कालखंड मे कुछ सरकारें  रही जिन्होंने वैसी नीतियां नही बनाई जैसी बनानी चाहिए थी। हमे सौ की स्पीड से काम करना होगा तभी हम देश को विकसित देशों की कतार में खड़ा कर पाएंगे।
उन्होंने कहा कि आरएसएस के कार्यकर्ता देश और समाज के लिए अपना तन मन धन सब समर्पण करते है।  संघ जिस काम को पकड़ता है उसे पवित्रता से पूरा करता है। सेतिया ने कहा कि आज हमे स्वदेशी को मन से अपनाना होगा तभी देश मजबूत होगा।
नेहरू के निमंत्रण पर संघ ने 1963 की गणतंत्र दिवस परेड में लिया था भाग, हरियाणा से प्रेम गोयल भी हुए थे शामिल
 अखिल भारतीय सेवा प्रमुख से लेकर दिल्ली के प्रांत प्रचारक और संघ के अनेक महत्वपूर्ण पदों पर रहे उत्तर क्षेत्र कार्यकारिणी के सदस्य प्रेम गोयल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ाव और अपनी संघ यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि वे सातवीं कक्षा के दौरान ही संघ से जुड़ गए थे। उन्हें कबड्डी खेलने का बड़ा शौक था और इसी शौक को पूरा करने के लिए वह शाखा से जुड़े और कबड्डी खेलते खेलते कब संघ के प्रचारक निकल गए पता ही नहीं चला। प्रेम गोयल ने कहा कि शुरू शुरू में संघ का बड़ा विरोध होता था और लोग गालियां देते थे। लोग संघ के संस्थापक डॉ हेडगेवार पर भी कटाक्ष करते थे कि आप यह क्या बच्चों के साथ खेलते हो। धीरे-धीरे लोगों ने संघ को जानना और समझना शुरू किया, जिसके परिणाम स्वरूप संघ आज  इतना बड़ा संगठन बन गया है।
संघ की देशभक्ति को देखते हुए तत्कालीन पीएम जवाहरलाल नेहरू ने 1963 में गणतंत्र दिवस में परेड में संघ को निमंत्रण दिया जिसमें 3 हजार स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में शामिल हुए। मैं उस समय गुरुग्राम में प्रचारक था। इस परेड में दिल्ली के स्वयंसेवकों को ही बुलाया था लेकिन गुड़गांव दिल्ली के नजदीक है इसीलिए कुछ स्वयंसेवक हरियाणा से भी उसमें शामिल हुए थे मैं भी उन में शामिल था
उन्होंने कहा कि भारत हिंदू राष्ट्र है और हिंदू राष्ट्र हिंदू संगठन के बिना नही हो सकता। हिंदू समाज का संगठन करना संघ का लक्ष्य है। संघ शाखा कोई जमीन नही अपितु तपोभूमि है। बढ़ते बढ़ते आज देश भर में एक लाख 27 हजार शाखाएं हो गई है। उन्होंने कहा कि आज देश के 61,166 स्थानों पर शाखा लगती है और विश्व के 47 देशों में संघ का कार्य चलता है।
उन्होंने कहा कि भारत विश्व गुरु कहलाया है और आने वाले समय में एक बार फिर दुनिया भारत को विश्व गुरु मानेगी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इसी सोच को पूरा करने के लिए जुटा हुआ है।
प्रेम गोयल ने कहा कि हम भारतीयता के आधार पर मानवता का बोध लेकर गांव गांव जाएंगे। संघ के बारे में हर व्यक्ति को जानकारी मिले इसके लिए अनेक कार्यक्रम किये जायेंगे।  उन्होंने कहा कि विश्व को भारत के आगे नतमस्तक होना होगा। 2047 से पहले ही भारत को दुनिया विश्व गुरु कहेगी ऐसा मेरा विश्वाश है। आने वाला समय भारतीय संस्कृति है।
करनाल में इन स्थानों पर हुआ कार्यक्रम
केशव नगर में स्थित प्रताप उपनगर का कार्यक्रम अटल पार्क में हुआ जहां संघ के वरिष्ठ प्रचारक प्रेम गोयल मुख्य वक्ता के रूप में रहे जबकि मुख्य अतिथि प्रसिद्ध चावल निर्यातक विजय सेतिया मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। कर्ण उपनगर का कार्यक्रम माता मंदिर ,आरके पुरम में हुआ जहां मुख्य वक्ता प्रान्त विद्यार्थी कार्य प्रचारक पुरुषोत्तम कुमार तथा मुख्य अतिथि दून स्कूल के संचालक केएम बाठ रहे। मंगल पांडे उपनगर सेक्टर 4 के पार्क में हुआ जिसमे मुख्य वक्ता सेवा भारती के प्रांत संगठन मंत्री जितेंद्र कुमार तथा मुख्य अतिथि कृषि वैज्ञानिक चयन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष डॉ गुरबचन सिंह रहे। ऐसे ही माधव नगर में संत रविदास उप नगर का कार्यक्रम मिल्खा सिंह स्टेडियम में हुआ जहाँ मुख्य वक्ता प्रान्त कुटुंब प्रबोधन प्रमुख घनश्याम दास रहे। श्री राम उपनगर का कार्यक्रम गुरु द्रोणाचार्य पार्क , शिव कॉलोनी में हुआ जहाँ मुख्य वक्ता महेंद्र सिंह, सह विभाग कार्यवाह रहे और मुख्य अतिथि  वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ मनोज मित्तल शामिल हुए। रघुनाथ उपनगर में मुख्य वक्ता कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के डॉ गौरव कुमार और मुख्य अतिथि नेवी के सेवानिवृत्त ग्रुप कैप्टन प्रमोद कुमार रहे। श्याम उपनगर का कार्यक्रम शिवालय , जाटों गेट में हुआ जहाँ मुख्य वक्ता सह जिला कार्यवाह वेदपाल ने अपना संबोधन दिया।