फसल अवशेष जलाने वाले किसानों पर होगी कड़ी प्रशासनिक कार्यवाही : अभिनव सिवाच

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पर्यावरण को बचाना है सबकी जिम्मेवारी, सरकार की स्कीमों का फसल अवशेषों के सरंक्षण से उठाएं लाभ
पिहोवा  यज्ञदत्त शास्त्री ||  उपमंडल अधिकारी नागरिक अभिनव सिवाच आईएएस ने कहा कि खेतों में पड़े अवशेष/पराली न जले इसके लिए प्रशासन द्वारा टीमें गठित करके पूरी निगरानी रखी जा रही है। खेतों में आगजनी घटनाओं के तहत जिन किसानों ने फसल अवशेषों को जलाया है, उन्हें जुर्माना भरना पड़ रहा है। वे वीरवार को बीडीपीओ कार्यालय के मीटिंग हॉल में सभी गांवों के सरपंचों, ग्राम सचिवों, नम्बरदारों, चौकीदारों व विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक को सम्बोंधित कर रहे थे। इस मौके पर उनके साथ उपनिदेशक कृषि विभाग कुरुक्षेत्र डा. कर्मचंद भी उपस्थित थे।
एसडीएम अभिनव सिवाच ने कहा कि खेतों में अवशेष न जले इसके लिए शुरू से ही विभिन्न गतिविधियों एवं कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों व आमजन को जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है। इस जागरुकता के कारण अब तक पराली जलाने का केवल एक ही केस सामने आया है। इस केस में सुप्रीम कोर्ट की हिदायत अनुसार प्रदेश सरकार द्वारा जो कानून बनाए गए हैं, के तहत दोषी पर कार्यवाही की गई है। मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर आगामी दो साल तक यह किसान सरकारी स्कीमों का फायदा नहीं उठा पाएगा। इसके अतिरिक्त वह अपनी फसल इस पोर्टल के माध्यम से नहीं बेच पाएगा। उन्होंने कहा कि ग्राम सचिव, पटवारी, पुलिस विभाग तथा कृषि विभाग के अधिकारियों की क्षेत्रवार डयूटी लगाई गई है। आगजनी की घटनाओं की सूचना मिलते ही तुरंत मौके पर जाकर कार्रवाई की जा रही है।
एसडीएम ने कहा कि प्रशासन का मकसद किसानों के चालान काटना नहीं है अपितु खेतों में पड़े अवशेषों का कृषि यंत्रों के माध्यम से उनका निस्तारण करना है। सेटेलाइट के माध्यम से भी आगजनी की घटनाओं पर पैनी नजर रखी जा रही है। खेतों में अवशेष जलने की घटनाओं को रोका जाए, इसके लिए प्रशासन द्वारा कई कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि यदि कोई किसान फसल अवशेषों में आग लगाता पाया गया तो उसकी एफआईआर दर्ज की जाए तथा उसे जुर्माना लगाने के साथ-साथ मेरी फसल मेरा ब्यौरा स्कीम के तहत मिलने वाले सभी लाभों से वंचित रखा जाएगा। ऐसे किसानों का नाम फार्मज़ रिकार्ड में रेड एंट्री मार्क दर्ज कर दिया जाएगा तथा वे अगले दो सीजन तक अपनी फसल मंडियों में नहीं बेच पाएंगे।
उन्होंने कहा कि खेतों में जो अवशेष जलते वह हम सबके लिए हानिकारक है इससे मानव जीवन के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ता है वहीं भूमि की उर्वरा शक्ति भी कमजोर हो जाती है। उन्होंने फसल अवशेष प्रबंधन पर नियुक्त किए गए अधिकारियों को आगजनी के मामलों पर तुरंत कार्यवाही करने के सख्त दिशा-निर्देश दिए हैं ताकि पर्यावरण को दूषित होने से बचाया जा सके। इस मौके पर एसडीएम ने बैठक में आए हुए लोगों से किसानों को फसल बेचने तथा अन्य फसल सम्बंधी समस्याओं के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि वे हर समय किसानों की हर समस्या को सुनने और उन्हें हल करने के लिए तैयार हैं। कोई भी किसान अपनी समस्या बेझिझक प्रशासन तक पंहुचा सकता है। इसके अतिरिक्त एसडीएम ने गांवों के सरपंचों व अन्य मोजिज व्यक्तियों से गांव की पंचायती जमीन पर कोई कब्जा न हो, इसके बारे में भी विस्तृत चर्चा की तथा जानकारी ली।
बैठक में कृषि उपनिदेशक डा. कर्मचंद ने कहा कि किसानों की भूमि की उपजाऊ शक्ति नष्ट न हो, मित्र कीटों को नुकसान न पंहुचे, राजमार्गों पर होने वाली दुर्घटनाओं से बचा जा सके तथा भविष्य में बच्चों व आमजन के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव न पंहुचे इसके लिए सम्बंंधित विभागों के अधिकारियों के साथ-साथ आमजन को भी सहयोग देने का आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पराली प्रबंधन हेतु पर्याप्त मशीनरी उपलब्ध है। पराली प्रबंधन की योजना इन-सीटु व एक्स-सीटु फसल प्रबंधन 1200 रूपये प्रति एकड़ प्राप्त करने के लिए किसान पोर्टल पर पंजीकरण करवा सकते हैं। उन्होंने किसानों से अनुरोध करते हुए कहा कि अधिक से अधिक संख्या में पंजीकरण करवाकर योजना का लाभ लें तथा आगजनी की घटनाओं पर पूर्ण विराम लगाएं। पराली को इन-सीटु मैनेजमेंट के माध्यम से खेतों में मिलाएं और अपनी भूमि की उपजाउ शक्ति को बढ़ाएं। इसके साथ-साथ पराली में गांठे बनाकर विभिन्न फैक्ट्रियों को बेचकर मुनाफा कमाएं। बैठक में बीडीपीओ भजन लाल शर्मा, उपमंडल कृषि अधिकारी मनीष वत्स, खंड कृषि अधिकारी प्रदीप कुमार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।