समाजसेवी कपिल किशोर को एशिया बुक आफ रिकार्डस द्वारा सम्मानित किया गया

इन्द्री विजय काम्बोज
एशिया में सबसे ज्यादा रक्तदान शिविर लगाने के लिए समाजसेवी कपिल किशोर का नाम एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ है। फरीदाबाद में एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा आयोजित इंटरनेशनल कन्वोकेशन फॉर रिकार्ड होल्डर्स के कार्यक्रम में उन्हें सम्मानित किया गया। कपिल किशोर ने बताया कि उनके द्वारा पिछले 12 सालों  में अब तक 227 रक्तदान शिविरों के माध्यम से 23,786 यूनिट ब्लड विभिन्न सरकारी ब्लड बैंको को दिया जा चुका है। इसके लिए उनका एशिया इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ है। कपिल खुद भी 78 बार रक्तदान कर चुके है,यही नहीं उनकी पत्नी रूबी अग्रवाल भी 41बार रक्तदान कर चकी है ओर अब उनका पुत्र सिद्धार्थ अग्रवाल भी 18 वर्ष का होने के बाद 3 बार रक्तदान कर चुका है। नि:स्वार्थ सेवा भाव देखते हुए हजारों युवा उनके साथ जुड़ चुके है। रक्तदाताओं की भारी भरकम टीम के चलते जिले के सरकारी ब्लड बैंकों में एक आध बार को छोडक़र कभी भी रक्त की कमी नही रहती। अभी कुछ दिन पहले ही सबसे ज्यादा रक्तदान शिविर लगाने के लिए उनका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ था। वर्ष 2018-19 और 2020-21 में पूरे जिले में सबसे ज्यादा रक्तदान करवाने के लिए दो बार हरियाणा के राज्यपाल से स्मानित हो चुके है इसके अलावा शहर की सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं ने भी बहुत बार उन्हे सम्मानित किया है। कपिल किशोर ने बताया कि शुरुआत में काफी परेशानियां झेलनी पड़ती थी जो धीरे धीरे दूर हो गई। पिछले दो तीन सालों में कैंपों की संख्या बड़ कर लगभग 50  कैंप प्रति वर्ष पहुंच चुकी है। उन्होंने कहा कि बेशक यह सम्मान उन्हें मिला हो लेकिन वास्तव में यह सम्मान इन सभी रक्तदाताओं का है जो पिछले कई सालों से उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहते हैं और उनके एक बार कहने से किसी भी मरीज के लिए रक्तदान कर देते हैं। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य है कि सरकारी ब्लड बैंकों में रक्त की कमी न हो। जिला रेडक्रास सोसायटी के सचिव कुलबीर मालिक ने कहा कि कपिल किशोर के प्रयासों के परिणाम स्वरूप ही करनाल में रक्त की कमी नहीं होती7 वे अपने कैंपों को पूरे साल इस तरह लगाते हैं कि ब्लड बैंको में किसी भी समय रक्त की कमी न रहे। क्तदान के अलावा भी वे लगभग हर सामाजिक कार्यों को बढ़ चढ़ कर काम करते हैं जैसे पर्यावरण संरक्षण के लिए फलदार और छायादार पौधे लगाना,लोगों को नशों और मांसाहार से दूर रहने के लिए प्रेरित करना,सडक़ हादसों में घायल व्यक्तियों की मदद करना,कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करना।

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