संस्कृति धर्म मानव सेवा में सिख गुरुओं ने लगाया अपना जीवन:-संदीप

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डेरा उदासीन ब्रह्म अखाड़ा मांडी में संत गुरविंद्र सिंह के सानिध्य में मनाया बाबा श्रीचंद का 529वां प्रकाशोत्सव, राज्य मंत्री ने निजी कोष से की 15 लाख रुपये देने की घोषणा
पिहोवा, 19 नवंबर। डेरा उदासीन ब्रह्म अखाड़ा लोक भलाई ट्रस्ट मांडी साहिब में गुरु नानक देव जी के सुपुत्र  बाबा श्रीचंद देव जी के 529 वें प्रकाश दिवस पर संत समागम करवाया गया। इसमें डेरा मुखी संत बाबा गुरविंद्र सिंह ने बाबा श्रीचंद व सिखी इतिहास से संगत को रूबरू कराया। कार्यक्रम में राज्य मंत्री संदीप सिंह ने बतौर मुख्यातिथि हिस्सा लिया।
राज्य मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि संत बाबा गुरविंद्र सिंह ने डेरा के माध्यम से युवा पीढ़ी को नशे, दहेज, कन्या भ्रूण हत्या आदि सामाजिक बुराइयों से दूर करके धर्म से जोडक़र लोक कल्याण का जो कार्य किया है। वह सराहनीय है। अध्यात्म व संस्कृति दोनों धाराओं की रक्षा के लिए सिख गुरुओं ने अपना जीवन लगाया। गुरु गोबिंद सिंह ने अपना पूरा वंश अपनी आंखों के सामने धर्म की रक्षा के लिए वार दिया। इसी तरह बाबा श्रीचंद ने भी पूरे संसार में घूमकर विकारों में फंसे लोगों को सत्य की राह दिखाई।
उन्होंने कहा कि जिसमें भाव नहीं है। वह मानव नहीं पत्थर है। इसलिए जवानी को समाज की सेवा में और बुढ़ापे को सिमरन में लगाएं। राज्य मंत्री संदीप सिंह ने डेरा क्षेत्र में पार्किंग के लिए 15 लाख रुपए की अनुदान राशि देने की घोषणा भी की। संत बाबा गुरविंद्र सिंह ने कहा कि जब धरती पर बाबा श्रीचंद का अवतरण हुआ तो गुरुनानक देव जी के आदेश पर ही उन्होंने सिखी परंपरा को आगे बढ़ाया। मानव सेवा के क्षेत्र में सिख धर्म ने गुरु नानक देव जी के दिखाए गए रास्ते पर चलकर पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि सिख धर्म की खासियत है कि जब भी कोई प्राकृतिक आपदा आई तो गुरु का सिख आगे सेवा भाव में सबसे आगे खड़ा मिला।इस मौके पर हजारों की संख्या में संगत ने दरबार में माथा टेका।