मर्यादा में रहना सिखाती है श्रीराम कथा-कमल

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इस्माईलाबाद, 13अगस्त(यज्ञदत्त शास्त्री): राम नाम की महिमा बड़ी अपरंपार है। राम राम की महिमा से तो पत्थर भी पानी पर तैरते है। राम से बड़ा राम का नाम है। उक्त विचार आचार्य कमल कुश ने गुरु गोरख नाथ धाम में अपने प्रवचन के दौरान कहे। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम की कृपा होती है तभी राम कथा संभव होती है। राम कथा भक्ति व मुक्ति दोनों देने वाली है। राम कथा ही मनुष्य को मर्यादा में रहने की सीख देती है। सच्चे मन से भगवान का नाम सुमिरन करने वाले पर संकट नहीं आता। इस अवसर पर गुरु गोरख नाथ धाम के महंत तेजनाथ ने कहा कि भक्ति में रमने वाला हर समय धर्म का कार्य करता है। ऐसे भक्तों पर ईश्वर की कृपा होती है और उन्हें जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति मिल जाती है। भगवान श्रीराम के आदर्शों को अपनाने से ही मानव का कल्याण संभव है। इस अवसर पर महंत तेजनाथ ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रोता मौजूद रहे। इस अवसर पर प्रहलाद भगत शर्मा, विनोद गोयल, जवाहर लाल बंसल, राजेंद्र कुमार गोयल, महिंद्र, विजय अरोड़ा, विजय शर्मा, केबल छाबड़ा, सूरज बंसल, रामचंद्र कोमल, सुनील कुमार, बलदेव शर्मा आदि मौजूद रहे।