नगर निगम की दुकानों का किराया न भरने वाले 10 किराएदारों की दुकानें होंगी सील, करीब 22 लाख रुपये की होगी रिकवरी- डॉ. वैशाली शर्मा, निगमायुक्त।
चेतावनी- कार्रवाई से बचने के लिए किराएदार बकाया राशि जल्द करवाएं जमा।
करनाल || नगर निगम आयुक्त डॉ. वैशाली शर्मा के निर्देश पर निगम की दुकानों का किराया न भरने वाले किराएदारों की दुकानों को सील करने की कवायद तेज कर दी गई है। इसके तहत टीम द्वारा टॉप 10 बकायादारों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं, जिन्हें आगामी 29 जुलाई को सील कर कब्जे में लिया जाएगा। इन दुकानों पर 22 लाख 1 हजार 23 रुपये का बकाया है।
निगमायुक्त ने बताया कि इन किराएदारों को गत सप्ताह अंतिम नोटिस जारी कर बकाया राशि जमा करवाने के लिए कहा गया था, परंतु उन द्वारा नोटिस की पालना नहीं की गई। अब नगर निगम के प्रवर्तन दल द्वारा इन दुकानों को सील कर अपने कब्जे में लिया जाएगा। इन किराएदारों के विरूद्घ हरियाणा नगर निगम अधिनियम 1994 के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके पश्चात दुकान के किराए की वसूली सम्बंधित किराएदार से की जाएगी।
यह दुकानें होंगी सील- उन्होंने बताया कि जो दुकानें सील कर कब्जे में ली जानी हैं, उनमें हरदेव सिंह मार्केट, बांसो गेट क्षेत्र की 8 तथा कम्बोपुरा की 2 दुकानें शामिल हैं। इन दुकानों पर 22 लाख 1 हजार 23 रुपये बकाया है। यह राशि ब्याज सहित है।
1. दुकान न. 14, हरदेव सिंह मार्केट आनंद स्वरूप 261784 रुपये
2. दुकान न. 24, हरदेव सिंह मार्केट सुभाष चंद 115454 रुपये
3. दुकान न. 19, हरदेव सिंह मार्केट जसवंत राय 103739 रुपये
4. दुकान न. 20, हरदेव सिंह मार्केट जयवंत राय 109398 रुपये
5. दुकान न. 21, हरदेव सिंह मार्केट अरूण शर्मा 102924 रुपये
6. दुकान न. 8, बांसो गेट लवकेश कुमार 61449 रुपये
7. दुकान न. 2, बांसो गेट सुशील कुमार 161419 रुपये
8. दुकान न. 6, बांसो गेट आनंद स्वरूप 113866 रुपये
9. दुकान न. 5, गांव कम्बोपुरा कृष्ण कुमार 333945 रुपये
10. दुकान न. 6, गांव कम्बोपुरा अमरदीप 82980 रुपये
उन्होंने जानकारी देते बताया कि चालू वित्त वर्ष में नगर निगम के कोष में करीब 45 लाख रुपये की राशि किराए के रूप में जमा हुई है। इसमें दुकानों का किराया और बकाया, दोनो राशि शामिल हैं। उन्होंने सभी किराएदारों से अपील की है कि वह अपना किराया समय पर नगर निगम के खजाने में जमा करवाएं।
उन्होंने सभी डिफॉल्टर किराएदारों को चेताते हुए कहा है कि वह सम्बंधित दुकान का किराया जल्द से जल्द नगर निगम कार्यालय में जमा करवा दें और दुकान को सील होने से बचा लें। अन्यथा नगर निगम दुकान को सील कर उसे अपने कब्जे में ले लेगा।