मां पीतांबरा शक्तिपीठ मेंसाधु समाज के अध्यक्ष महंत बंसी पुरी की अध्यक्षता में पहुंचे प्रदेश भर के संत महात्मा
पिहोवा, 30 जुलाई (यज्ञदत्त शास्त्री)। षड्दर्शन साधु समाज की बैठक मां पीतांबरा शक्तिपीठ धनीरामपुरा में अध्यक्ष महंत बंसी पुरी की अध्यक्षता में हुई। इसमें पूरे प्रदेश से संत महात्माओं ने हिस्सा लिया। बैठक के बाद संगमेश्वर महादेव मंदिर में जलाभिषेक के लिए पहुंचे मुख्यमंत्री नायब सैनी को मांग पत्र सौंपा गया। महंत बंसी पुरी ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न गांवों में अखाड़ा संस्कृति से जुड़े प्राचीन मंदिर, मठ और डेरे हैं। इनमें जब भी कोई साधु ब्रह्मलीन होता है तो गांव का दखल बढ़ जाता है। इन गांवों के सरपंच और मौजिज व्यक्ति इन स्थानों के संचालन में दखल देने लगते हैं। जिससे तनाव की स्थिति पैदा होती है। संत महात्माओं ने कहा कि स्थान रिक्त होने पर इन पर नई जिम्मेदारी देने का अधिकार संत समाज का है। मुख्यमंत्री नायब सैनी को ज्ञापन देकर सरकार से यही मांग की गई है कि अखाड़ा परंपरा के अनुसार इनका संचालन करने में सरकार मदद करें और जो व्यक्ति बाधा पहुंचाता है। उसके खिलाफ कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि इन स्थानों से लाखों संत महात्मा जुड़े हुए हैं। यहीं से प्राचीन भारतीय संस्कृति की सनातन परंपरा चलती है। जिसे जीवित रखना साधु संतों का दायित्व है। संतों ने अनादि काल से सनातन संस्कृति की इस परंपरा को संरक्षित किया हुआ है। लेकिन प्रभावशाली लोग नई नियुक्ति में दखल देकर इन स्थानों पर पंचायत या कमेटी का कब्जा करना चाहते हैं। कई जगह से ऐसी शिकायतें प्राप्त हुई है। जहां संतों के साथभारी लोगों ने टकराव के आसार पैदा किए। लिहाजा पूरे प्रदेश के संत समाज ने मुख्यमंत्री नायब सैनी से मांग की है कि प्रभावित लोगों का हस्तक्षेप बंद करके यह अधिकार केवल संतो के लिए सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री नायब सैनी ने मांग पर तुरंत विचार करने का आश्वासन दिया है। बैठक में महंत ज्ञानेश्वर दास, डेरा उदासीन नया अखाड़ा से महंत तरण दास, माता बगलामुखी मंदिर के संचालक महंत भीम पुरी, स्वामी चमन गिरी, महंत ईश्वर दास शास्त्री कैथल, संत राजेंद्र दास, जनार्दन दास बैरागी, विजय गिरी श्रवण गिरी रोहित गिरी मधुर गिरि महंत विशाल दास, दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर के महंत महावीर दास, बाबा सरपंच गिरी ट्यूकर वाले सहित कई संत महात्मा मौजूद रहे।