8वें सावन ज्योत महोत्सव की तैयारी शुरू,दो व तीन अगस्त को मनाया जायेगा सावन ज्योत महोत्सव

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सावन ज्योत मनाने की परंपरा पिछले 115 सालों से पाकिस्तान के मुलतान जिले से आरम्भ हुई थी-धूडिया
इन्द्री विजय  काम्बोज ||
सावन ज्योत महोत्सव सभा की ओर से 8 वें सावन ज्योत महोत्सव के उपलक्ष्य 2 अगस्त को श्री सनातन धर्म गीता मंदिर से शहर में श्रद्धा एवं उत्साह से भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। इस आयोजन को लेकर सभा के पदाधिकारियों व सदस्यों ने बैठक कर विचार-विमर्श किया। इस बारे में जानकारी देते हुए सावन ज्योत सभा के प्रधान तरूण मेहता ने कहा कि हर साल की तरह  इस वर्ष भी यह महोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा। इस ज्योत समारोह में पूर्व राज्यमंत्री भीमसेन मेहता मुख्यातिथि के रूप में शिरकत करेगें। कार्यक्रम का आयोजन कथा वाचक पं राम लाल शास्त्री वृंदावन वालों के सानिध्य में किया जाएगा। मींटिग में गीता मंदिर के प्रधान सतीश भाटिया ने बताया कि शाम 3 बजे शोभायात्रा शुरू की जाएगी जो विभिन्न मार्गों से गुजरती हुई पश्चिमी यमुना नहर पर जोत प्रवाहित कर सम्पन्न होगी। शोभा यात्रा रथ बग्गी, बैड बाजों ,ढ़ोल व झांकियों के साथ बडी धूम धाम से निकाली जाएगी।  अगले दिन सुबह 4 बजे बसें हरिद्वार के लिए रवाना होगी । उन्होंने बताया कि हरिद्वार में भीमगोड़ा खडख़ड़ी से शोभायात्रा आश्रम से बैंड-बाजे एवं सुंदर धार्मिक झांकियों के साथ 15 फुट लंबी ज्योत को  शाम को हर की पौड़ी पर गंगा मैय्या की आरती के पश्चात्  विसर्जन किया जाएगा। शिवपुरी मनेजिग सोसाईटी के प्रधान विक्की मलहोत्रा ने बताया कि इन्द्री में निकाली जाने वाली शोभा यात्रा का बाजार में जगह -जगह भव्य स्वागत किया जायेगा। व्यापारिक ,धार्मिक व समाजिक संगठनों द्वारा भंडारे व प्रशाद वितरण किया जाएगां व शोभा यात्रा पर फुलो की वर्षा की जायेगी
इस अवसर पर राष्ट्रीय पंजाबी महासभा इन्द्री के प्रधान डा गौरव प्रिंस धूडिया ने बताया कि सावन ज्योत की परंपरा पिछले 115 सालों से पाकिस्तान के मुलतान जिले से आरम्भ हुई थी। इसकी शुरुआत भगत लाला रुप चन्द द्वारा की गई थी। उन्होंने बताया कि उस समय लोग वहां से पैदल चलकर हरिद्वार गंगा में ज्योत विसर्जन करने आते थे ओर इसी परंपरा को सभा द्वारा आगे बढाते हुए इस साल 8 वां  सावन ज्योत महोत्सव मनाया जा रहा है। हरिद्वार में होने वाले महोत्सव में इंद्री हल्के के अलावा पूरे विश्व भर से पंजाबी व मुलतानी बिरादरी के लोग हरिद्वार पहुंचकर गंगा में स्नान व पूजा कर आशीर्वाद प्राप्त करते है। धूडिया ने बताया कि  सावन जोत की प्राचीन धार्मिक परम्परा देश के विभाजन से पूर्व ही वर्तमान पाकिस्तान के मुल्तान जिले से शुरू हुई थी तब इसे ‘मुल्तान सावन जोत’ के रूप में जाना जाता था।  सावन माह को भगवान शिव को समर्पित माना जाता है, इसलिए इस दौरान भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। भगवान शिव और गंगा मैय्या को समर्पित यह महोत्सव न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह भारत-पाक विभाजन के बावजूद हमारी सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखने का जरिया भी है। इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं से भारत की सुरक्षा के लिए भगवान से प्रार्थना करना है। यह त्यौहार पंजाबी समुदाय के बीच धार्मिक आस्था एवं एकता का प्रतीक है और पंजाबी समुदाय के लिए धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व रखता है, जो अपनी जड़ों और परंपराओं से जुड़ाव का प्रतीक है। सावन जोत महोत्सव में सभी वर्ग के लोग मिलकर भाग लेते हैं, जो एकता और भाईचारे का संदेश देता है। भव्य शोभायात्रा के दौरान महिलाएं डांडिया नृत्य करती हैं और युवा नाचते-गाते हैं। आश्रम में यज्ञ, पाठ एवं पूजा-अर्चना जैसे धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस अवसर पर बिन्नी शर्मा , पप्पी सचदेवा ,विक्की कालडा ,पार्षद काका वोहरा , वीनु भाटिया ,सुरेश भाटिया ,शिव शर्मा ,सोनू वोहरा  ,डा सुरेश सैनी ,चन्ना खुराना सहित कई अन्य मौजूद रहे।