गाय के गोवर से बने हवन के साथ गमले दीवारों पर सजाने के लिए मूर्तियां , हवन के लिए समिधा और नहाने के लिए साबुन

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अब गाय के गोबर से बनाए जाएंगे घरों को सजाने के लिए सामान
 सेवा भारती ने करनाल की धरा से शुरू किया गौ उत्पाद स्वाबलंबी प्रकल्प के तहत गौ उत्पाद निर्माण अभियान
महाराष्ट्र के नागपुर से पहुंचे प्रशिक्षक सेवा भारती परिसर में ं महिलाओं के  प्रशिक्षण का हुआ समापन
करनाल विजय काम्बोज ||

कर्ण नगरी से गौ वंश को बचाने और गौ पाालकों को आत्म निर्भर बनाने की शुरुआत की जा रही हैं। गायके गोवर से अब भगवान की मूर्तियां, वंदनवार, पूजा की माला धूप बत्तियां शिब का स्वरूप के साथ साथ अन्य कलाकृतियां बनाई जाएंगी। करनाल के सेवा भारती परिसर में गौ मयी स्वालंबी यात्रा की प्रेरणा को लेकर गौ उत्पाद स्वाबलंबी प्रकल्प के तहत गौ उत्पाद निर्माण अभियान की शुरूआत की गई  हैं।इसके तहत 25 मई से  पांच जून तक महिलाओं के लिए दिवसयीय प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया गया। जिसका समापन हुआ। इस अवसर पर गौ उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई। इस प्रदर्शन्ी का समापन गौ सेवा गतिविधयां के प्रांत संयोजक मोहिंदर कंसल ने किया। इस अवसर पर सेवा भारती से संरेंद्र गोयल, रोशन लाल गुप्ता प्रमुख रूप से उपस्थित थे।  यहां पर प्रदेश की चुनिंदा महिलाओं को प्रशिक्षण देने के लिए महाराष्ट्र के नागपुर से प्रशिक्षक आए हुए हैं। इस प्रशिक्षण की अगुवाई जगाधरी से आए तरुण जैन ने किया। । गाय के गोवर और मूत्र से दैनिक उपयोग में आने वाली सामग्री बनाई जा रही हैं। यह महिलाएं प्रदेश भर में जाकर महिलाओं को प्रशिक्षित करेंगी। गाय का दूध दही और घी ही काम में नहीं आएगा बल्कि गाय का गोवर और गौ मूत्र भी लोगों की आजीविका का साधन बनेगा। इसके पीेछे मुख्य उद्देश्य गौ वंश को बचाना हैं। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम सेवा भारती के सुरेंद्र ग्रोयल और रोशन लाल गुप्ता के देख रेख में चल रहा हैं। महाराष्ट्र से आए सचिन और आशीष ने बताया कि उन्होंने नागपुर और बिदर्भ के आदिवासियों के इलाके में इस अभियान को शुरू किया। इसके माध्यम से आदिवासियों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना था। वहीं पर उन्हें ईसाई मिशनरी के कुचक्र से बचा कर गौ संबंर्धन के साथ जोड़ कर सनातन संस्कृति के नजदीक लाना था। वह अब तजक दि ल् ली, पंजाब मध्यप्रदेश उत्तरप्रदेश महराष्ट्र राजस्थान पंजाब सहित देश के विविध भागों में प्रशिक्षण दिया हैं। उन्होंने बताया कि इसके लिए उन गायों के गोवर का प्रश्योग किया जाता है जिन्हें बांधा नहीं जाता है और ना ही उन्हें केमीकल दिया जाता हैं। इस अभियान के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को आथ्ज्र्ञिक रूप से स्वबलंबी बनाया जाएगा। इन उत्पादों को बनाने का दिया जाएगा प्रशिक्षण :उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान गोमुत्र अर्क 12 प्रकार के (भिन्न भिन्न रोगों के लिए), घनवटी 9 प्रकार की(भिन्न भिन्न रोगों के लिए), पित्तशामक  चूर्ण, काला दंत मंजन, सादा दंत मंजन, गोमुत्र से फिनाइल गोबर से डिजाइनर कंडे कपूर वाले. गोबर से सजावट का सामान गोबर से मोमेंटो गोबर से माला, गोबर से एंटी रेडिएशन मोबाइल बैक कवर. गोबर से दिया. गोबर से राखिया . गोबर से नेमप्लेट. एन्टी रेडिएशन मोबाइल स्टैंड. गोबर से तोरण.गोबर से सम्बरानी कप,.गोबर से धूपबत्ती 6 प्रकार की. गोबर से मूर्तिया.गोबर से समिधा/लकड़ी. गोबर से गमले. गोबर से सुगंधित ऊर्जा दीपक. गोबर से अग्निहोत्र व बलिवैश्व यज्ञ की किट. गोबर से मोबाइल चार्जिंग स्टैंड. गोबर से घड़ी. गोबर का सिंहासन. गोबर की चौकी. गोबर के फोटो स्टैंड.राखियां गोबर से सीड बॉल बनाना. गोबर से बड़े आकार के कंडे बनाना . गोबर से किचेन बनाना. गोबर से कलर 1 पेंट्स बनाना अपने उपयोग के लिए गोबर से प्लास्टर्र. गोबर से बिल्ला (बैच) बनाना सीने पर लगाने वाला्र. घी बनाने की शास्त्रोक्त विधि. नेत्र औषधि. पंचगव्य घृत. कर्णोषधि. मलहम. लेप. अंगराग (नहाने का पाउडर). गौशाला व्यवस्थापन. गायो की पहचान. चारा व्यवस्थापन. रोगों में पथ्य- अपथ्य. औषधि सिद्ध करना. अति महत्वपूर्ण जड़ी बूटियों की पहचान. आयुर्वेदिक वनस्पति को कैसे तोडना और कब तोडऩा . अमृतधारा बनाना.  त्रिफला बनाना . जीवामृत, बीजामृत, व कीटनाशक बनाना घन जीवामृत बनाने की स पद्धति। गौ मूत्र से गौनाइल, हवन कप, धूप बत्ती, बर्तन साफ करने वाले सामान के निर्माण को लेकर प्रशिक्षण दिया गया।

गौ उत्पादों को दैनिक प्रयोग में ला कर संस्कृति को बचाएं: कंसल  
करनाल: हरियाणा में गौ सेवा गतिविधियां के प्रांत संयोजक माह्रिंदर कंसल ने कहा है कि गौ उत्पादों को दैनिक जीवन में लाकर हम भारतीय संस्कृति की रक्षा कर सकते है। उन्होंने कहा कि गाय माता हमारी संस्कृति और विरासत का आधार ळैं। मानव सभ्यता के प्रारंभ से ही गाय माता हमारे साथ जुड़ी हुई हैं। उन्होंने कहा कि गाय ने हमेशा संसार का पालन किया ळैं। गाय हमारी लाइफलाइन हैं। गौ उत्पादों में हमारी सेहत का राज छिपा हुआ हैं। गाय मानव जीवन में जन्म से मोक्ष तक साथ रहती हैं। जीवन के संस्कार गायों के बिना अधूरे हैं। वह करनाल की सेवा भारती के प्रांत कार्यालय के परिसर में चल रहे गौ मयी स्वलंबी अभियान के तहत लगे प्रशिक्षण बर्ग के समापन अवसर पर बोल रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रांतपाध्यक्ष रोशन लाल गुप्ता ने की। इस अवसर पर सुरेंद्र गोयल , तरुण जैन, आशीष जी ने भी जानकारी दी। इस अवसर पर भूषण गोयल,, विपिन अरोड़ा गौतम जैन, राकेश जी, यहित विभिन्न जन मौजूद थे। इस अवसर पर शिविरऔर प्रदर्शनी को लेकर सुरेंद्र गोयल, रोशन लाल गुप्ता तरूण जी ने जानकारी दी। गौ उत्पाद प्रदर्शनी लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी रही।

आयुष विभाग करनाल द्वारा कुल 810 प्रतिभागियों को करवाया गया योग प्रोटोकॉल का अभ्यास – डाॅ0 सतपाल