लाडवा (नरेश गर्ग): लाडवा के इन्दिरा गाँधी नेशनल कॉलेज में संस्कृत विभाग, हिन्दी विभाग और शोध एवं अनुसंधान प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसका विषय 21वीं सदीं में शोध के क्षेत्र में रामायण के विविध आयाम’’ रहा। कार्यशाला में कॉलेज प्राचार्य डॉ. कुशल पाल मुख्यातिथि व मुख्यवक्ता डॉ. रामचंद्र, संस्कृत विभाग, आई.आई.एच.एस. कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र, डॉ. रेणू बाल्यान, इतिहास विभाग, के.वी.ए. डी.ए.वी. कन्या महाविद्यालय, करनाल और डॉ. पूजा शर्मा, हिन्दी विभाग, महाराणा प्रताप नेशनल कॉलेज, अम्बाला रहे।
कॉलेज प्राचार्य डॉ. कुशल पाल ने कहा कि आज के बच्चों के नैतिक विकास के लिए रामायण को पढऩा अति आवश्यक है। रामायण से विद्यार्थियों का चरित्र निर्माण होता है, बच्चें माता-पिता की सेवा के प्रति जागरूक होते है। उन्होंने कहा कि आज का युवा व्यर्थ ही अपना समय मोबाईल पर व्यतीत न करके रामायण जैसे ग्रंथों के शोध पर व्यतीत करें, जिससे बौद्धिक विकास होगा। मुख्यवक्ता डॉ. रामचंद्र, संस्कृत विभाग ने कहा कि आज का आधुनिक समाज रामायण महाकाव्य से आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक रूप से प्रभावित होता है। डॉ. रेनू बाल्यान ने राम राज्य पर अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि रामायण में श्री राम चंद्र जी में जो नेतृत्व, कार्यकुशलता, प्रबंधन शक्ति तथा निपुणता थी, वह वर्तमान के ग्रंथों में अक्षुण्ण है। डॉ. पूजा शर्मा ने अपने व्याख्यान में तत्कालिक दृश्यों का मार्मिक चित्रण प्रस्तुत किया। वहीं मौके पर डॉ. नवीन कुमारी, डॉ. नीरू बाला, डॉ. सुमन सिवाच डॉ. रोमेश सिंह भाल, डॉ. रूपेश गौड़, डॉ. हरनीत कौर, डॉ. सुनीता, डॉ. वंदना गुप्ता, डॉ. नीतू, डॉ. प्रियंका, डॉ. सुरेन्द्र कुमार शर्मा आदि मौजूद रहे।