प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में गिनिज बुक आफ व्लर्ड़ रिकार्ड में होगा नाम दर्ज, सर्दियों में रखे विशेष परहेज
इन्द्री विजय काम्बोज ||
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में देश के लगभग तीन करोड़ लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है ओर यह लक्ष्य 25 दिंसबर 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा। इस को प्रकृति परीक्षण का नाम दिया गया है। करनाल जिले के लगभग 150000 लोगों के स्वास्थ्य को जिले की आर्युवैदिक डि़स्पैंसरियों, आयुर्वेदिक कालेजों के अध्यापकों, प्राईवेट आर्युवैदिक चिकित्सकों, वांलटरियों, आशा वर्करों सहित कई अन्यों से इस कार्य को पूरा किया जाएगा। यह जानकारी गढ़ी बीरबल के आयुष आरोग्य मंदिर के चिकित्सक ड़ा. संंजीव ने दी। उन्होंने बताया कि गढ़ी बीरबल व अन्य साथ लगती आर्युवैदिक चिकित्सालयों में लगभग तीन हजार लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। यह अभियान 26 नंवबर को शुरू हुआ है। उन्होंने बताया कि यह परीक्षण आनलाईन होगा व नि:शुल्क किया जाएगा। इस परीक्षण के दौरान कुछ सवालों का जवाब देना होगा जिसके अनुसार ही आपका परीक्षण होगा ओर आपको भविष्य में हो सकने वाली बीमारियों के बारे में व उनके उपचार के बारे में सजग किया जाएगा। ड़ा. संजीव ने बताया कि यह एक अनोखा परीक्षण है जिसका लाभ देशवासियों को मिलेगा। उन्होंने बताया कि आजकल सर्दियों का मौसम शुरू हो गया है जिसके लिए विशेष सावधानियां बरतने की जरूरत है। सर्दियों का मौसम कई बीमारियों को लेकर आता है। इस मौसम में त्वचा खुश्क हो जाती है ओर मानव शरीर के रक्त का संचार भी धीमा हो जाता है। शरीर में दर्द बढ़ जाता है। उच्च रक्तचाप, दिल की बीमारियों के मरीजों को विशेष ध्यान रखने की जरूरत पड़ती है। ड़ा. संजीव ने बताया कि सर्दियों मेंं गर्म कपड़े पहनने जरूरी है, एकदम से कमरे से बाहर ना निकले, सिर ढ़ंक का रखे ओर चाय में तुलसी, अदरक, काली मिर्च इत्यादि ड़ाल कर सेवन करे। गर्म पानी पिएं। इस मौसम में जठराग्नि मजबूत होती है ऐसे में च्वयनप्राश, आंवला, गिलोय, मूंगफली, रेबड़ी इत्यादि का सेवन करे ओर नियमित रूप से योग प्राणायाम अवश्य करे। उन्होंने बताया कि हमारे गलत खानपान की वजह से बीमारियां बढ़ रह रही है। हम अपने आप को भूल गए है। हमें सादा खाना खाना चाहिए ओर फास्ट फूड़ से परहेज रखना चाहिए। खाने के साथ चाय का सेवन नहीं करना चाहिएं। आहार विरूध नहीं खाना चाहिएं। आहार विरूध खाने से शरीर में यूरिक एसिड़, वायु व गर्मी बढ़ती है। बीपी वाले मरीजों को नमक व तली हुई वस्तुओं से परहेज करना चाहिएं। नियमित रूप से योग से हमारा शरीर मजबूत बनता है ओर बीमारियां भी कम लगती है। उन्होंने कहा कि आर्युवैदिक दवाओं का प्रयोग करना चाहिए। आर्युवैदिक दवाओं का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। आर्युवैदिक दवाईयां अग्रेजी दवाओं की उपेक्षा सस्ती ओर ज्यादा कारगर होती है। आर्युवैदिक दवाईयां अंग्रेजी दवाओं की उपेक्षा जल्दी अपना असर दिखाती है। उन्होंने लोगों से आर्युवेद को ज्यादा से ज्यादा अपनाने की अपील की ओर कहा कि किसी भी प्रकार की बीमारी होने पर अपने नजदीकी आर्युवैदिक चिकित्सालय में जाकर चिकित्सक की सलाह लेकर ही अपना दवाई ग्रहण करे।