इंद्री विजय काम्बोज |। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के मद्देनजर उपमंडल में कानून व शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए एसडीएम अशोक मुंजाल की अध्यक्षता में आज बीडीपीओ कार्यालय में सरपंचों के साथ बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें सभी सरपंचों ने भाग लिया और उपमंडल में भाईचारा एवं सद्भाव बनाए रखने को लेकर विचार-विमर्श किया। सरपंचों ने अपने सुझाव भी दिए और प्रशासन को सहयोग करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर हमले में जान गंवाने वाले लोगों की आत्मा की शांति के लिए मौन धारण किया गया।
बैठक में एसडीएम अशोक मुंजाल ने कहा कि पहलगाम की घटना से सभी आहत हैं। सरकार अपने स्तर पर कदम उठा रही है, लेकिन जिले के साथ-साथ उपमंडल में ऐसी कोई अप्रिय घटना नहीं होनी चाहिए, जिससे आपसी भाईचारा खराब हो। इंद्री एक शांतिप्रिय शहर है और आगे भी हमें मिलकर एक दूसरे का साथ देना है। शांति का संदेश जन-जन तक पहुंचाना है। आप सभी की सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रशासन की है। उन्होंने कहा कि दहशतगर्द का कोई जाति व धर्म नहीं होता। इसलिए किसी विशेष धर्म व जाति को इंगित न किया जाए। सरपंच समाज के एक बड़े हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसलिए आप सभी आमजन को शांति बनाए रखने के लिए जागरूक करें और सतर्क भी रहें। किसी प्रकार की अप्रिय घटना की संभावना होने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर किसी प्रकार की भडक़ाऊ या आपत्तिजनक पोस्ट न डालें। अगर कोई व्यक्ति शांति व्यवस्था भंग करने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी भी सूरत में कानून व्यवस्था को खराब नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने आह्वान किया कि अफवाहों पर विश्वास न करें और प्रशासन द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही जानकारी पर ही विश्वास करें। इस मौके पर बीडीपीओ गुरमलख सिंह और विभिन्न गांवों के सरपंच मौजूद रहे।
किसानों से फसल अवशेष न जलाने का किया आह्वान।
एसडीएम अशोक मुंजाल ने शनिवार को सरपंचों के साथ हुई बैठक में कहा कि गेहूं की फसल की कटाई का सीजन जोरों पर है और फसल कटाई के बाद किसान अक्सर फसल अवशेषों को आग लगा देते हैं। ऐसा करने से न केवल हमारी भूमि की उर्वरा शक्ति कमजोर होती बल्कि हमारा पर्यावरण भी दूषित होता है
उन्होंने सरपंचों से आग्रह किया कि वे किसानों को इस बारे में जागरूक करें कि फसल कटाई के बाद फानों में आग न लगाएं, बल्कि उनका उचित प्रबंधन करें। उन्होंने बताया कि फसल अवशेष जलाने से हमारा पर्यावरण दूषित होता है जिसकी वजह से हमें भंयकर बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि फसल अवशेष जलाने से हमारी पैदावार पर असर पड़ता है और हमारी उत्पादन लागत अधिक और आमदनी कम हो जाती है।