उच्च रक्तचाप- सही मापें, नियंत्रित करें और लंबी उम्र पाएं : एसएमओ डॉ. सतवीर सिंह

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इन्द्री विजय काम्बोज||

उप-मण्डल नागरिक अस्पताल इन्द्री के एसएमओ डॉ.सतवीर सिंह ने लोगों को स्वास्थ्य के प्रति  सचेत करते हुए बताया कि आज की भगदौड़ की जिन्दगी में उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन या हाई बी.पी. एक गंभीर रूप धारण कर चुका है। इसके मुख्य लक्षण सिरदर्द, चक्कर, कमजोरी महसूस होना, हल्के काम, व्यायाम या कम चढ़ाई से भी सांस फूलना या छाती में असहजता या दर्द  महसूस होना, ज्यादा गुस्सा आना आदि हैं।
इस बीमारी के मुख्य कारण अनुचित खानपान व अनुचित जीवनशैली है। पुरानी कहावत है- जैसा अन्न, वैसा मन। अब नई कहावत होनी चाहिए-जैसा अन्न व जैसा मन, वैसा ही तन। रक्तचाप को नियंत्रण में न रखा जाए तो हार्ट अटैक या हार्ट की कई अन्य बीमारियों, ब्रेन अटैक या लकवा की बीमारी का कारण बन जाता है। उन्होंने बताया कि हमें अपना खानपान में सुधार, स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, सुस्त न रहें। नियमित व्यायाम करें। ज्यादा नमक, वसा या घी, तले हुए खाद्य पदार्थ जैसे कि फास्ट फूड, अनावश्यक तनाव, अपर्याप्त नींद, तम्बाकू वाला गुटका, नसवार, तम्बाकू उत्पाद का धूम्रपान जैसे कि हुक्का, बीड़ी,  सिगरेट, सिगार आदि की बुरी आदतें, नशे इत्यादि से अवश्य ही दूर रहें जोकि इस बीमारी के मुख्य कारणों में से हैं।
एसएमओ डॉ. सतवीर सिंह ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार प्रतिदिन 5 ग्राम से ज्यादा नमक न लें। इस जमाने में अनावश्यक लङाई-झगङा और तनाव एक गंभीर समस्या का रूप धारण किए हुए हैं। छोटे-बड़े  सभी लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। उन्होंने बताया कि जरूरत से ज्यादा वित्तीय महत्वाकांक्षाओं के चक्कर में फंसकर लोग अपनी मानसिक परेशानियाँ  बढ़ा लेते हैं।
डॉ. सतवीर सिंह ने बताया कि इसका सबसे अच्छा तरीका है कि सभी लोग अपने आपको काम में व्यस्त रखें, सबका भला सोचें और किसी का भी बुरा न सोचें ताकि खुद को और दूसरों को भी कोई तनाव न हो, आपको मानसिक संतुष्टि की प्राप्ति हो, आपकी तथा देश की उत्पादकता में वृद्धि हो। अपना खानपान और जीवनशैली में सुधार करें।  अच्छी नींद लें, सुस्त न रहें। नियमित व्यायाम करें। रक्तचाप या बी.पी. (ब्लड प्रेशर) को केवल प्रशिक्षित चिकित्सक या स्वास्थ्यकर्मी से चेक करवाएं, क्योंकि काफी मामलों में लोगों का रक्तचाप बढ़ा हुआ रहता है और उन्हें ठीक बताते रहते हैं, जोकि मरीजों के लिए काफी हानिकारक साबित होता है।