खेतों में आग लगाने वाले किसानों को भुगतना पड़ सकता है भारी खामियाजा
इन्द्री विजय काम्बोज ||
एक तरफ जहां फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर सरकार ने पूरी सख्ती अपनाई हुई है वहीं अब किसान भी फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर काफी जागरूक हो गए है ओर अपनी फसलों के अवशेषों को जलाने की बजाए सरकार की योजनाओं को मान कर उनका लाभ उठा रहे है। इसी को लेकर इन्द्री हल्के में भी फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर कृषि विभाग के अधिकारी पूरे मुस्तैद है ओर गांवों में जाकर जागरूकता शिविरों के माध्यम से किसानों को जागरूक करने का काम कर रहे है। कृषि अधिकारियों की यह मुहिम रंग भी ला रहीे है ओर हल्के में छुटपुट आग लगाने की घटनाओं को छोडक़र बाकि सभी किसान जागरूक हो गए है। इसी को लेकर इन्द्री के खंड़ कृषि अधिकारी ड़ा. अश्विनी कांबोज ने एक विशेष बातचीत में बताया कि हमारा वातावरण दिन प्रतिदिन दूषित होता जा रहा है जिसमें केवल फसलों को आग लगाना ही जिम्मेवार नहीं है बल्कि वाहनों द्वारा छोड़ा जाने वाला व फैकट्रियों से निकलने वाला काला धुंआ भी पूरा जिम्मेवार है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को अपनी फसलों के अवशेषों को जलाने पर प्रतिबंध लगा रखा है। अवशेषों को आग लगाने के अनेकों नुकसान है। आग लगाने से खेत की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है। खेत में से मित्र कीट समाप्त हो जाते है जोकि किसी भी फसल के लिए अति आवश्यक होते है। इसी प्रकार आग लगाने से प्रदूषण बढ़ता है जिसका सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। प्रदूषण बढऩे से सांस लेने में दिक्कत होती है। शहरों में यह समस्या ओर भी घातक सिद्ध हो रही है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा किसानों के लिए अनेकों योजनाओं को लागू किया गया है। किसान इन सब का फायदा भी उठा रहे है। सरकार द्वारा प्रत्येक गांव में गंठड़ बांधने की मशीनें उपलब्ध करवा रखी है जिनका किसान प्रयोग कर फसल अवशेष प्रबंधन में सहयोग कर सकता है। इन मशीनों को खरीदने में सरकार द्वारा भारी सब्सिीड़ी भी दी रही है। इसी प्रकार अपने फसलों के अवशेषों को किसान खुद अपने खेत में भी ड़ाल सकता है जोकि गोबर की खाद की तरह ही काम करता है। इससे खेत की उपजाऊ शक्ति भी बढ़ती है। सरकार द्वारा किसानों को इनसिटू व एकससिटू करने पर प्रति एकड़ एक हजार रूपया भी दिया जाता है। उन्होंने कहा कि सरकार फसल अवशेषों को ना जलाने के लिए किसानों को जागरूक कर रही है लेकिन फिर भी कई किसान मान नहीं रहे है। ऐसे किसानों के खिलाफ जुर्माना व केस दर्ज भी किया जा रहा है। ड़ा. कांबोज ने कहा कि मेरी सभी किसान भाईयों से आग्रह है कि अपनी फसलों के अवशेषों को ना जलाएं ओर सरकार द्वारा दी जा रही योजनाओं का पूरा फायदा उठाएं। कृषि विभाग के सभी अधिकारी व कर्मचारी किसानों की मदद के लिए हर समय तैयार है। उन्होंने कहा कि जिन किसानों के खिलाफ केस दर्ज हो जाएगा तो उसे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। इस मौके पर फसल अवशेष के लिए गठंड़ बांधने का काम करने वाले अश्विनी ने बताया कि किसान फसलों को आग लगाना कम कर गए है। यह सब कृषि अधिकारियों द्वारा लगाएं जा रहे जागरूकता शिविरों का ही नतीजा है। किसानों से अपील है कि फसलों के अवशेषों में आग ना लगाएं बल्कि उनको मशीनों की सहायता से गंठड़ बधवाने का काम करे। अश्विनी ने सरकार से मांग की कि इन मशीनों पर दी जा रही सब्सिीड़ी को कम ना किया जाएं ताकि सभी इन योजनाओं का पूरा लाभ सभी को मिल सके।