करनाल विजय काम्बोज ||
महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी श्री ज्ञानानंद जी महाराज के पावन सानिध्य में सेंट आर सी केंवेंट स्कूल, शामली में गीता गोष्ठी व संवाद के शुभ अवसर पर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी ने कार्तिक मास के पूरे महीने के पर्वों के महत्व के बारे में बताया। लखनऊ में दिव्य गीता प्रेरणा उत्सव के बारे में जानकारी दी। सेंट आर सी कान्वेंट स्कूल में गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज के प्रवेश करते ही अरविन्द संगल चेयर मैन नगर पालिका परिषद के नेतृत्व में उपस्थित श्री कृष्ण कृपा जियो गीता कार्यकर्ताओं ने जय श्री कृष्णा और महाराज श्री के जय घोष के नारों की गूंज से शामली को धर्म नगरी जैसा माहौल बना दिया। स्कूल के हॉल में सभी धर्म प्रेमियों को आशीष वचन देते हुए गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज जी ने अपने श्री मुख से गीता जी की अमृत वर्षा करते हुए कहा है कि कार्तिक मास का महीना चल रहा है जो महर्षि वाल्मिकी जी के अवतरण दिवस से शुरु होता है और गुरू नानक देव जी के प्रकाश उत्सव पर समापन होता है। इस पूरे महीने हर रोज़ भारतीय संस्कृति के पर्व त्यौहार मनाए जाते है। गीता मनीषी जी कहा कि गीता जी किसी एक धर्म एक वर्ण के लिए नहीं है गीता जी पूरी मानव जाति के लिए है। भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन के माध्यम से गीता जी का उपदेश देता हुए कहा का हर शलोक में जीवन जीने के बारे में बताया गया है, गीता जी में डाक्टर का मरीज़ के साथ कैसा व्वहवहर होना चाहिए, न्यपालिका के लिए मार्गदर्शक है, छात्र छात्राओं को शिक्षा कैसे ग्रहण करनी चाहिए उनके लिए संजीवनी है गीता जी। घर में प्रवेश द्वार पर, रसोई घर में सभी जगहों पर गीता जी के शलोक लिखें हों तो सब जगहों पर श्री कृष्ण कृपा अपने आप आ जाती है। हमें घर-घर में नितनियम से गौ सेवा और गीता पाठ करते रहना चाहिए।
गीता मनीषी महाराज जी ने बताया कि 23 नवंबर को लखनऊ में दिव्य गीता प्रेरणा उत्सव समारोह अयोजित होने जा रहा है। भगवत् गीता मात्र हमारी धार्मिक आस्था नहीं, बिना किसी जाति-वर्ग, निर्धन-धनवान् में भेद भाव किये समूची मानवता में शान्ति, सद्भाव एवं कत्र्तव्यनिष्ठा की अनूठी अचूक प्रेरणा है। किसी भी क्षेत्र में व्याप्त वर्तमान की प्रत्येक समस्या का वैचारिक, व्यावहारिक और वैज्ञानिक समाधान है गीता। जीओ गीता उ0प्र0 ने इसीलिये पूज्य गीता मनीषी स्वामी श्री ज्ञानानन्द जी महाराज की सत्प्रेरणा एवं पावन सान्निध्य में उत्तर प्रदेश स्तरीय दिव्य गीता प्रेरणा उत्सव का निर्णय किया है, जिसमें माननीय सरसंघ चालक डा0 मोहन राव भागवत जी की गरिमामयी उपस्थिति सुनिश्चित हुई है। उ0प्र0 के यशस्वी मुख्यमन्त्री माननीय आदित्यनाथ योगी जी का मार्गदर्शन भी इस प्रेरणा उत्सव को गौरव प्रदान करेगा। राष्ट्रीय के प्रमुख संतों का आशीर्वाद निश्चित ही इस आयोजन में हम सब का सौभाग्य होगा। शिक्षा-चिकित्सा, न्याय व्यवसाय, गृहस्थ वानप्रस्थ, सैन्य सुरक्षा, शासन प्रशासन आदि विभिन्न क्षेत्रों में सेवारत या सेवानिवृत्त शुभेच्छुजनों की समूचे प्रान्त से अधिकाधिक संख्या में सहभागिता एवं इस आयोजन में इसके साथ विशेष रूप से प्रदेश के युवाओं की उत्साहित उपस्थिति का सतत समर्पित प्रयास इस दृष्टि से हो रहा है, ताकि इस वर्ष 2025 गीता जयन्ती से वर्ष 2026 गीता जयन्ती तक सब मिलकर इस आह्वान् को साकार कर सकें ‘‘जीओ गीता का यह सन्देश गीतामय हो उत्तर प्रदेश – समरस संस्कारित उत्तर प्रदेश घर घर पहुँचे गीता सन्देश’’ इस आयोजन में आपकी विशिष्ट स्नेहिल उपस्थिति जहाँ आयोजकों का उत्साहवर्धन करेगी, वहीं बड़ी संख्या में उपस्थित गीता प्रेमियों को गीता अभियान में संकल्पित समर्पित भाव से आगे बढऩे का सबल सम्बल भी बनेगी। गीता मनीषी स्वामी श्री ज्ञानानंद जी महाराज जी की उपस्थिति में अरविन्द संगल चेयर मैन नगर पालिका परिषद शामली ने एस टी तिराहे का नाम कर्ण जीयो गीता चौक रखने की घोषणा की, वही सुरेश पाल कश्यप चेयरमैन नगर पंचायत झिंझाना ने करनाल मेरठ हाईवें पर गाड़ी वाले चौक का नाम कर्ण गीता चौक करने की घोषणा की। गीता मनीषी जी ने दोनों चेयरमैनों के फैसले का स्वगत करते हुए कहा है कि ये अच्छी सोच और अच्छी शुरुआत है हमें अपने चौक चौराहों के नाम धार्मिक ही रखने चाहिए जिससे भारत की संस्कृति झलकती है। इस अवसर पर अरविन्द संगल चेयर मैन, सुरेश पाल कश्यप चेयर मैन, यशपाल पावर प् प्रधानाचार्य ,विवेक प्रेमी भाजपा नेता, सचिन जैन जिला अध्यक्ष भाजपा अल्प संख्यक मोर्चा, पंडित दिनेश पाठक, राहुल गुप्ता भाजपा वरिष्ठ नेता, खुर्शीद आलम भाजपा नेता एवं पत्रकार, श्रीमति मीनू संगल एम डी सेंट आर सी कान्वेंट स्कूल, राम कुमार कश्यप पत्रकार एवं(जिला उपाध्यक्ष) विश्व हिंदू महासंघ शामली प्रमोद कुमार कौशिक, विष्णु जी, राजन बत्रा, विपिन गुप्ता, चरण दास, अनिल भगतजी, अमित कुमार शर्मा, आदि ने गीता मनीषी स्वामी जी का स्वागत पुष्पगुच्छ देकर किया। उपस्थित सभी धर्म पे्रमियों ने गीता वंदन करते हुए अभिवादन किया।









