सादगी की अनूठी मिसाल थे डा. सपड़ा : सुषमा

60

डा. सपड़ा की याद में बच्चों को वितरित की वर्दियां
शाहाबाद मारकंडा, 29 नवम्बर (सुरजीत शिवालिक): राजकीय माध्यमिक विद्यालय किशनगढ़ में हरियाणा उर्दू अकादमी के पूर्व निदेशक रहे स्व. डा. देसराज सपड़ा की स्मृति में उनके पुत्र राकेश सपड़ा एवं पुत्रवधु मीनू सपड़ा ने जरूरतमंद बच्चों को वर्दियां वितरित की। इस अवसर पर मुख्याध्यापिका सुषमा रानी ने कहा कि डा. देसराज सपड़ा सादगी की अनूठी मिसाल थे। प्राचार्य पद से सेवानिवृति उपरांत डा. देसराज सपड़ा ने अपने जीवन को एक चैलेंज के रूप में लिया तथा हरियाणा उर्दू अकादमी पंचकुला के निदेशक बनकर अपने सपने को पूरा किया। सुषमा ने कहा कि उनकी उपलब्धियों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने निदेशक के रूप में दो बार उनके कार्यकाल में विस्तार किया। सुषमा ने कहा कि इतने ऊंचे पद पर रहते हुए भी अंहकार उनसे कोसो दूर था। मीनू सपड़ा ने बताया कि मरणोपरांत भी डा. देसराज सपड़ा को 2022 में राज्य स्तरीय पुरस्कार से नवाजा गया एवं 1 लाख रूपए की राशि पुरस्कार के रूप में मिली। हरीश मुंजाल ने कहा कि हमें भी स्व. डा. देसराज सपड़ा के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। मुख्याध्यापिका सुषमा ने जरूरतमंदों को वर्दियां देने के लिए राकेश सपड़ा एवं मीनू सपड़ा का आभार प्रकट किया। इस अवसर पर प्रवीण कुमार, चंद्र शेखर, देवलता, रजविंद्र कौर आदि उपस्थित थे।