ग्रामवासियों को सौंपी बेलर मशीन
करनाल || हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान, नीलोखेड़ी के निदेशक डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने राहड़ा गांव में आयोजित कार्यक्रम में ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि पराली जलाना केवल मिट्टी की उर्वरता समाप्त नहीं करता है, बल्कि यह व्यापक प्रदूषण का कारक बन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित होता है।
डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने किसानों को बताया कि पराली को जलाने की बजाय इसका सही प्रबंधन करने से यह पशु चारे, जैविक खाद और बायोगैस का उत्कृष्ट स्रोत बन सकता है। इस अवसर पर उन्होंने ग्राम पंचायत को आई.एस.ए.पी. फाउंडेशन द्वारा उपलब्ध कराई गई बेलर मशीन ग्रामवासियों को सौंपी ताकि किसान इसे साझा रूप से प्रयोग करके अपने खेतों में पराली न जलाएं।
उन्होंने यह भी कहा कि आई.एस.ए.पी. किसानों को पराली प्रबंधन और टिकाऊ खेती में लगातार सहयोग दे रहा है, जिससे गाँवों में पर्यावरण संरक्षण और किसानों की आमदनी बढ़ाने की नई संभावनाएँ खुल रही हैं।
इससे पूर्व उन्होंने ग्राम वासियों के साथ प्रधानमंत्री का मन की बात कार्यक्र। सुना।त्यौहारों के इस अवसर पर डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने लोगों से स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि दीपावली, नवरात्र और दशहरा जैसे पर्व तभी सार्थक होंगे जब हम अपने गाँव और देश में बने सामान का उपयोग करें। इससे हमारी परंपरा जीवित रहती है और स्थानीय कारीगरों, महिलाओं और छोटे उद्योगों को रोज़गार मिलता है।
उपस्थित ग्रामीणों ने पराली न जलाने और स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने का सामूहिक संकल्प लिया।
इस अवसर पर सरपंच प्रतिनिधि रणदीप, ग्रामोदय अभियान के नरेंद्र राणा, समाजसेवी रिंकल राणा, सुरेंद्र रोजड़ा तथा भारतीय जनता पार्टी के बल्ला मंडल के पूर्व अध्यक्ष संदीप सैनी, रविन्द्र रोजड़ा, रविन्द्र राणा, बबली राणा, मंदीप राणा, प्रवीण राणा, सुभाष राणा, सोमपाल पंच, गौरव सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे। सभी ने डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान के आह्वान की सराहना की और इसे गाँव-गाँव तक पहुँचाने का वचन दिया।









