दस सालों में भाजपा ने किया सबसे ज्यादा दलितों का नुक्सान: रामशरण भोला

साढ़े तीन दशक से वह मजबूती से कांग्रेस के साथ खड़े हैं,दस सालों में भाजपा ने किया नीलोखड़ी के साथ अन्याय
देश और प्रदेश में कांग्रेस का राज आएगा, लोगों को हुड्डा की लीडरशिप पसंद
अवसर मिला तो नीलोखेड़ी को बेरोगजारी से मुक्ति दिला दूंगा
शिक्षा स्वास्थ्य और रोजगार पहली प्राथमिकता, दलित अपने हकों के लिए जागरूक बने
करनाल   विजय काम्बोज ||: दस सालों में भाजपा ने सबसे ज्यादा नुक्सान दलित समुदाय का किया हेंं। इसके लिए भाजपा के दलित समाज के नेता कम दोषी नहीं है। पिछले दरबाजे से अपवने चहेतों की नियुक्ति कर भाजपा ने दलितों को दस साल पीछेे पहुंचा दिया हैं। उन्होंने कहा कि जो दलित नेता लोकसभा और विधानसभा में पहुंचे उन्होंने अपनी समाज की आवाज नहीं उठाई। यह दर्द बैंक अधिकारी से नेता बने रामशरण भोला का है। वह इस बार नीलोखेड़ी हलके से कांगे्रस का टिकिट मांग रहे हैं। 1980 से राजनीति में सक्रि रहे भोला ने बैंक के मैनेजर की नौकरी छोड़ सेवा के लिए राजनीति की। दस साल तक वह कांग्रे्रस राज में हरियाणा राज्य कर्मचारी चयन आयोग के सदस्य रहे। उन्होंने कहा कि नीलोखेड़ी हलके का नुक्सान सबसे अधिक भाजपा राज में हुआ हैं। दस साल तक नीलोखेड़ी विकास में पिछड़ा रहा। भोला ने दलितों के कल्याण के लिए डा. अंबेदकर के नाम पर संस्था बनाई जो इंजीनियरिंग कालेज चला रही हैं। उन्होंने दलितों के लिए सकूल चलाया। इसके अलावा उन्होंने रविदास समाज के मंदिरों केे लिए काफी कुछ दिया। उनका दावा हैँकि यदि कांग्रेस उन्हें टिकिट देदे तो वह इस सीट को जीत कर कांग्रेस की झोली में डाल देंगे। उन्हें रविदासिया समाज के साथ रौड, वैश्य पंजाबी और राजपूत के साथ अन्य समाज का समर्थन प्राप्त हैं। उनकेा संत समाज का भी समर्थन मिला हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें दर्द होता है कि सरकारी पे्रेस बंद होने के बाद इसकी आवाज किसी ने नहीं उठाई। रोजगार, शिक्षा स्वास्थ्य और आधारभूत सुविधाएं उनकी पहली पा्रथमिकता  होगी। वह छत्तीस विरादरी के हकों की रक्षा के लिए प्रहरी की भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि वह साढ़े तीन दशक से कांग्रेस के प्रति वफादार हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में उनके नेता भूपेंद्र हुड्डा हैं। उन्होंने बताया कि उनकी तरह कई नेता राहुल गांधी के पीएम बनने का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि गांधी नेहरू खानदान के कारण ही यह देश आज जिंदा हैं। इस देश के लिए  श्रीमती इंदिरा गांधी, राजीव गांधी ने बलिदान दिया हैं। श्रीमती सोनिया गांधी का भी इस देश के प्रति समर्पण कम नहीं हैं। गांधी परिवार को इ देश से प्यार हैैं। यह देश उनका भी हैं। उन्होंने पार्टी नहीं छोड़ी। विपरीत परिस्थितियों में भी वह मजबूत स्तंभ की तरह पार्टी के साथ ,खड़े रहे। उन्होंने का कि हलके के हरी गांव में उनका संवाद है। इस क्षेत्र के हजारों युवाओं को उन्होंने नौकरी दी। कांग्रेस के ससाथ मजबूती से खड़े रहने की उन्होंने बडी कीमत चुकाई हैं। लेकिन उनक कांग्रेस के प्रति निष्ठा कम नहीं हुई हैं।

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