BJP को कुरुक्षेत्र में शालू जिंदल की हां का इंतजार:जिंदल हाउस में 5 साल बाद हलचल शुरू, पति से नाम आगे होने की 2 वजह

कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सिंह सैनी को हरियाणा का CM बनाने के बाद इस सीट पर जिताऊ उम्मीदवार खोज रहे BJP के रणनीतिकारों की तलाश शालू जिंदल पर आकर रुक गई है। जिंदल फैमिली की पुत्रवधु और कांग्रेस के पूर्व सांसद नवीन जिंदल की पत्नी शालू जिंदल को भाजपा इस सीट से टिकट देने को तैयार है। इंतजार सिर्फ शालू जिंदल की हां का है।

कुरुक्षेत्र स्थित जिंदल हाउस में साफ-सफाई का काम शुरू हो चुका है। जिंदल फैमिली का कोई मेंबर यहां लंबे समय से नहीं रह रहा था लेकिन अब जरूरी छोटे-मोटे काम करवाए जा रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में नवीन जिंदल की कुरुक्षेत्र सीट से कांग्रेस की टिकट पक्की थी लेकिन वह ऐन मौके पर पीछे हट गए।

तब कांग्रेस ने आनन-फानन में चौधरी निर्मल सिंह को उम्मीदवार बनाया लेकिन वह हार गए। तभी से कुरुक्षेत्र और करनाल के जिंदल हाउस लगभग बंद पड़े हैं। जिंदल परिवार के किसी मेंबर ने पिछले पांच बरसों में कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट पर कोई बड़ा कार्यक्रम नहीं किया।

नवीन नहीं, शालू जिंदल है भाजपा की पहली पसंद
बिजनेस टाइकून नवीन जिंदल के BJP ज्वाइन करने और कुरुक्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ने के कयास लंबे समय से चल रहे हैं। लेकिन तकनीकी पेंच के चलते भाजपा उन्हें मैदान में उतराने से बच रही है। दरअसल UPA-2 सरकार (2009 से 2014) के दौरान हु़ए कोयला घोटाले में BJP ने नवीन जिंदल को जमकर घेरा था।

अब उन्हीं जिंदल को अपने टिकट पर चुनाव लड़वाना पार्टी को थोड़ा मुश्किल लग रहा है। उसके रणनीतिकारों की नजर में नवीन जिंदल की जगह उनकी पत्नी शालू जिंदल पर दाव लगाना ज्यादा सही रहेगा।

शालू जिंदल का नाम 2 वजह से आगे
पहली वजह :
 BJP की हरियाणा इकाई ने कुरुक्षेत्र सीट से नायब सिंह सैनी का नाम ही कैंडिडेट के तौर पर आगे बढ़ाया था। स्टेट इकाई इसकी पूरी तैयारी कर चुकी थी लेकिन दिल्ली हाईकमान ने अचानक खट्‌टर को हटाकर नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप दी। इसकी वजह से हरियाणा भाजपा के सारे समीकरण बिगड़ गए।

रही-सही कसर विरोधियों ने पूरी कर दी। इनमें आम आदमी पार्टी (AAP) ने कुरुक्षेत्र सीट से सुशील गुप्ता को टिकट दे दिया वहीं इनेलो से अभय चौटाला खुद कुरुक्षेत्र के रण में कूद गए। सुशील गुप्ता और अभय चौटाला के ताल ठोंकने के बाद कुरुक्षेत्र सीट के कास्ट समीकरण कुछ ऐसे बन गए हैं कि BJP को यहां वैश्य बिरादरी का उम्मीदवार उतारना ही सबसे बेहतर लग रहा है।

दूसरी वजह : जिंदल परिवार का कुरुक्षेत्र सीट से पुराना जुड़ाव है। नवीन जिंदल कांग्रेस टिकट पर यहां से लगातार दो बार (2004 व 2009) लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। उससे पहले, उनके पिता स्व. ओमप्रकाश जिंदल ने चौधरी बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी (हविपा) के टिकट पर यहां से 1996 में जीत हासिल की थी।

तमाम गुणा-भाग के बाद भाजपा के रणनीतिकारों को लगता है कि शालू जिंदल यहां आसानी से जीत सकती हैं।

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