इथेनॉल उत्पादन से रोजगार और किसानों को होगा लाभ:श्याम सिंह राणा
इन्द्री विजय काम्बोज||
हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने शुक्रवार को इन्द्री के गाँव कादराबाद के निकट 11 एकड़ भूमि पर स्थापित नक्षत्रा बायोफ्यूल प्राइवेट लिमिटेड का उद्घाटन किया। प्रबंध निदेशक सुरेंद्र गोयल, कौशल कुमार अग्रवाल, निदेशक अंकिता अग्रवाल और सरल अग्रवाल ने अपनी टीम के साथ मंत्री का स्वागत किया और उन्हें पुष्पगुच्छ भेंट किया। इस अवसर पर कृषि मंत्री ने कंपनी के संचालकों से संयंत्र के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। कंपनी की निदेशक अंकिता अग्रवाल ने मुख्य अतिथि का स्वागत और धन्यवाद किया।
उद्घाटन समारोह में बोलते हुए कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि नक्षत्रा बायोफ्यूल प्राइवेट लिमिटेड में पेट्रोल और डीजल में उपयोग होने वाला इथेनॉल तैयार किया जाएगा। इस संयंत्र की स्थापना से आसपास के गांवों के लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे और किसानों को भी इससे काफी लाभ होगा। उन्होंने कहा कि देश की उन्नति और प्रगति में निजी कंपनियों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। कुछ वस्तुओं के आयात पर देश का धन विदेशों में जाता है, यदि ये वस्तुएं देश में ही बनें तो धन की बचत होगी और अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि औद्योगिक इकाइयों के निर्माण से भारत विश्व की चौथी अर्थव्यवस्था बना है और यदि इसी प्रकार विकास होता रहा तो 2047 से पहले ही भारत एक विकसित राष्ट्र बन जाएगा।
कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने किसानों के हित में कई कदम उठाए हैं। हाल ही में, 2025-26 खरीफ सीजन के लिए धान, ज्वार, बाजरा, रागी, मक्का, अरहर, मूंग, उड़द, मूंगफली, सूरजमुखी, सोयाबीन, तिल और कपास के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि करके किसानों को बड़ी राहत दी है। उन्होंने कृषि में रासायनिक खादों के अधिक प्रयोग से होने वाले नुकसानों पर प्रकाश डाला और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि जमीन की सेहत ठीक होगी तो मनुष्य की सेहत भी ठीक रहेगी। रासायनिक खादों और कीटनाशकों के प्रयोग से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम हो रही है और जल, वायु और मृदा प्रदूषण बढ़ रहा है। इसलिए, प्राकृतिक खेती को अपनाना आवश्यक है। प्राकृतिक खेती से मिट्टी में जीवाणुओं की वृद्धि होती है और कम लागत में अधिक पैदावार होती है। उन्होंने देशी गाय रखने पर सरकार द्वारा 30,000 रुपये की अनुदान राशि का भी उल्लेख किया, क्योंकि गाय का गोबर प्राकृतिक खेती में उपयोगी होता है। उन्होंने जल संरक्षण के लिए सीधी धान की बुआई को अपनाने की बात कही।