मंजी बिछा कर लोगों में ज्ञान बांटा था करनाल के मंजी साहिब गुरुद्वारे के स्थान परं
करनाल विजय काम्बोज ||
सिख पंथ के आदि गुरु प्रथम पात शाही गुरु नानक देव जी महाराज ने कर्ण की धरती पर कलंदर बू अली शाह के साथ धर्म चर्चा में अपने ज्ञान और समाज के प्रति संवेदनशीलता से शिकस्त दी थी। करनाल की धरती पर उन्होंने मंजी बिछा कर करनाल के लोगों को अध्यात्म का ज्ञान दिया था। आज जब समूचा देश गुरु नानक देच जी के प्रकाशोत्सव का 559 वा वर्ष मना रहा हैं। उस समय भी संसार में धुंध हट रही है। गुरु के ज्ञान का प्रकाश हो रहा हैं। देश पर निराशा के बादल छंट रहे हैं। लोगों में जीवन के प्रति आशा का संचार हो रहा हैं। यह तो करनाल की धरती सूफी संतों, और ज्ञानियों की नगरी रही हैं। यहां दान का प्रतीक कर्ण ने इसे बसाया हैं। इस धरती पर गुरुनानक देव जी के पांव भी पड़े हैं। इस लिए यह धरती चमत्कारी धरती हैं। गुरु नानक देव जी यहां पर जहां मंजी साहिब गुरुद्वारा हैैं। यहां ठठेरों का मोहल्ला हुआ करता था। यहां पर बाग था। जहां मीठे पानी का कुआ था। बाबा नानक देव जी मस्ताना सहित अन्य संतों के साथ यहां मंजी पर बैठ गए थे। यह बगीचा मुस्लिम का था।उस समय हिंदू मंजी पर नहीं बैठ सकता था। इसकी जानकारी देते हुए स. रतन सिंह ने बताया कि यहां गुरुनानक देव जी कीर्तन के साथ भगवान का नाम लेते थे। आरती होती थी। लोग यहां एकत्रित होते थे।
जब यह बात हजरत अली बू शाह कलंदर के पास पहुंची। हजरत अली कलंदर बू अली शाह एक दीवार पर बैठक कर कलमा पड़़ते थे। तो दीवार घोड़े के समान दौड़ उठती थी। लेकिन गुर नानक देव जी ने अपने चमत्कार से दीवारको बांध दिया था। कलदंर साहिब को चल कर गूरू नानक देव जी के पास आना पड़ा। उस समय गुरुनानक देव जी ने चार बातें कलंदर साहिब को इल्म और ज्ञान को लेकर कहीं। वह गुरु गंथ साहिब में दर्ज हैं। इसका सार यही था। हमारे भीतर ही भगवान हैं। इल्म हैं। तो फिर लोगों को क्या भरमाना। सामज की भलाई इंसानियत को सर्वोच्च मानो। सरदार रतन सिंह ने बताया कि उस जगह पर कुआ आज भी हैं। इसका पानी चमत्कारी हैं। यहां पर लोग दुआ लेकर आते हैं। मन चाही मुराद लेकर जाते हैँं। मंजी साहिब गुरुद्वारा आज भी गुरनानक देव जी के कारण चमत्कारी हैं। करनाल में आज भी गुरुनानक देव जी के इल्म ज्ञान का अहसास लोगों को होता हैं। गुरुद्वारा मंजी साहिब गुरुद्वारे में आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी लोगों का उपचार कर रही हैं। हजारों लोगों का उपचार यहां पर हुआ है। यहां पर गुरुनानन सेवा जत्था भी लोगों की सेवा कर रहा है। यह जत्था हर साल 20से 25 जरूरतमंद परिवारों के बच्चों की फीस भरता ळैं। गरीब परिवार की बेटियों की शादी में सहयोग करता हैं। उन्होंने बताया कि यहां पर चमतकारी कुआ है। इस पर बैठ कर गुरुनानक देव जी ने इसके जल का चमत्कारी बना दिया था। आज भी इस जल के पीने से असाध्य बीमारियां ठीक हो जाती हैं।









