स्कूलों तथा कालेजों सहित अन्य स्थानों पर बांटी जाए विशेष दवाईयां, दवाईयों के साथ-साथ सफाई का भी रखें विशेष ध्यान
पिहोवा,22 जुलाई – (यज्ञदत्त शास्त्री)उपमंडल अधिकारी नागरिक कपिल कुमार ने कहा कि उपमंडल पिहोवा को टीबी व एनीमिया मुक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय-समय पर विशेष अभियान चलाए जाते हैं। इन अभियानों के माध्यम से हर वर्ग के लोगों को टीबी व एनीमिया जैसी बीमारी से बचने के लिए जागरुक किया जाता है। वे मंगलवार को अपने कार्यालय में विभिन्न विभागों की एक बैठक ले रहे थे। इस मौके पर एसडीएम कपिल कुमार ने अपना हीमोग्लोबिन भी चैक करवाया।
एसडीएम कपिल कुमार ने कहा कि उपमंडल पिहोवा में स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा विभिन्न अभियानों के माध्यम से लोगों को टीबी तथए एनीमिया से बचाव के लिए जागरुक किया जाता है। इन अभियानों में सभी विभागों को मिलकर एकजुट होकर कार्य करना है तथा अपने आस-पास के लोगों से इस बारे में जानकारी सांझी करनी है। उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारी को आदेश देते हुए कहा कि उपमंडल के स्कूलों में ज्यादा से ज्यादा बार स्वयं जाकर वहां के हालातों का जायजा लें। स्कूलों में सफाई व्यवस्था सुचारू करवाएं तथा सलोगनों के माध्यम से स्कूलों में टीबी तथा एनीमिया के बारे में विस्तृत जानकारी पंहुचाएं। इसके अतिरिक्त स्कूलों में फलदार व छायादार पेड़-पौधे अवश्य लगाएं ताकि वातावरण स्वच्छ और स्वस्थ रहे।
उन्होंने कहा कि एनीमिया एक गंभीर जन स्वास्थ्य चुनौती है। आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया के कारण बच्चों में संज्ञानात्मक और गतिक विकास बाधित होता है और वयस्कों में कार्य क्षमता कम हो जाती है। एनीमिया के लक्षणों में थकान और कमजोरी, सांस लेने में तकलीफ, चक्कर आना, त्वचा का पीला पडऩा, हाथ और पैरों का ठंडा पडऩा शामिल है। एनीमिया का इलाज इसके कारण पर निर्भर करता है। कुछ मामलों में, आहार में बदलाव या आयरन सप्लीमेंट्स लेने से मदद मिल सकती है। अन्य मामलों में, दवा या रक्त आधान की आवश्यकता हो सकती है।
प्रवर चिकित्सा अधिकारी पिहोवा डा. मनीषा ने विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से एनीमिया मुक्त हरियाणा बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। ऐसे में जीरो से 19 वर्ष तक के सभी बच्चों की की जानकारी होना अनिवार्य है। इसके लिए समाज कल्याण विभाग, खंड शिक्षा अधिकारी तथा अन्य विभागों के समंजस्य से यह कार्य संभव होगा। समाज कल्याण विभाग की वर्कर घर-घर जाकर एनीमिया तथा टीबी जैसी बीमारी के बारे में लोगों को अवगत करवाएं तथा ऐसे बच्चों की टेस्ट के माध्यम से पहचान करें जिनमें एनीमिया व टीबी के लक्ष्ण दिखाई दें। उन्होंने कहा कि एनीमिया में बच्चे तथा महिलाएं बहुत जल्दी प्रभावित होते हैं।
उन्होंने कहा कि समाज को टीबी तथा एनीमिया मुक्त बनाने के लिए सभी को मिलजुल कर कार्य करना है। इसके लिए बच्चों के साथ-साथ उनके माता-पिता को भी इस बाबत शिक्षित करना अनिवार्य है। समाज में जितनी जागरुकता फैलेगी, उतना ही स्वस्थ समाज का विकास होगा। उन्होंने कहा कि एनीमिया लक्षित लोगों को आयरन और फोलिक एसिड की खुराक प्रदान की जाती है। आहार में आयरन युक्त भोजन के सेवन को बढ़ावा देना और आवश्यकतानुसार फोर्टिफाइड खाद्यान्न (जैसे चावल) शामिल है। विटामिन सी युक्त फल जैसे खट्टे फल (संतरा, अंगूर) आयरन के अवशोषण को बढ़ाते हैं, और गैर-हीम आयरन युक्त खाद्य पदार्थ (फल, सब्जियां, बीन्स, मेवे) भी महत्वपूर्ण हैं। डेयरी खाद्य पदार्थ, अंडे और सोयाबीन जैसे कुछ खाद्य पदार्थ आयरन के अवशोषण में बाधा डाल सकते हैं, इसलिए इनका सेवन सीमित करना चाहिए। बैठक में खंड शिक्षा अधिकारी, डा. अरूण गोतरा, डा. नेहा, मीनाक्षी टाया सहित स्वास्थ्य विभाग तथा अन्य विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे। इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न अधिकारियों का ब्लड टेस्ट किया गया।