जिले के हर घर में दस्तक देकर स्वास्थ्य विभाग की टीमें करेंगी कुष्ठ रोगियों की पहचान
करनाल विजय काम्बोज । सिविल सर्जन डॉ0 पूनम चौधरी ने बताया कि राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिला के 42 शहरी एवं ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के तत्वाधान में कुष्ठ रोगी खोजी अभियान का संचालन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि कुष्ठ रोगी खोजी अभियान 1 अगस्त से 14 अगस्त 2025 तक करनाल के सभी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों-तरावड़ी, नीलोखेड़ी, इन्द्री, घरौंडा, असंध, कुंजपुरा, बल्ला, पाढा, सांभली निसिंग, निगदू तथा अर्बन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों-शिव कॉलोनी, रामनगर, इंदिरा कॉलोनी, धोबी मोहल्ला, सेक्टर-13, सेक्टर-6 व वसंत विहार के क्षेत्रों में संचालित होगा। उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर सिविल सर्जन, डिप्टी सीएमओ डॉ0 सिम्मी व पैरा मेडिकल वर्कर वन्दना आर्य द्वारा कार्यक्रम को निर्देशित किया जायेगा।
डॉ0 पूनम चौधरी ने बताया कि कार्यक्रम की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। स्वास्थ्य विभाग की कुल 1174 टीमें जिनमें एक आशा वर्कर व एक पुरूष कार्यकर्ता होंगे, घर-घर जाकर कुष्ठ संभावित व्यक्तियों की पहचान करेंगे। कुल 235 एमपीएचडब्ल्यू टीम सुपरवाइजर टीमों का पर्यवेक्षण करेंगे। उन्होंने बताया कि इन रोगियों को हेय दृष्टि से नहीं देखा जाना चाहिए, क्योंकि कुष्ठ रोग छूत की बीमारी नहीं है। लक्षणों के प्रारम्भिक अवस्था में तथा पूरा इलाज लेने पर रोगी पूर्णतः: स्वस्थ हो जाता है। रोगी घर पर रहकर ही इलाज ले सकता है, विवाह कर सकता है, सामान्य जीवनयापन कर सकता है। उन्होंने जनसामान्य से निवेदन किया कि कुष्ठ के लक्षण दिखाई देने पर तुरन्त सरकारी स्वास्थ्य केन्द्र पर जांच कराएं, झाड़-फूंक तथा अंधविश्वास से बचें। बिना जांच के मेडिकल स्टोर से स्वयं इलाज/दवा ना लें।
इस मौके पर उप सिविल सर्जन डॉ0 सिम्मी कपूर ने बताया कि कुष्ठ रोगी खोजी अभियान के अन्तर्गत 14 दिनों में लगभग 3 लाख घरों में, 16 लाख लोगों से सम्पर्क का लक्ष्य रखा गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें जनसामान्य को कुष्ठ रोग के विषय में भी जागरूक करेंगी ताकि कुष्ठ संभावितों की शीघ्र पहचान कर उनकी जांच एवं समय पर इलाज करवाया जा सके तथा एनएलईपी के उद्देश्य 2027 तक ‘कुष्ठ संचरण मुक्त भारत’ के उद्देश्य को प्राप्त किया जा सके। संभावित रोगियों की जांच डॉ0 एस.पी. सिंघल, व डॉ0 प्रदीप मान, त्वचा रोग विशेषज्ञ, कमरा नं.-23, ओपीडी ब्लॉक, जिला नागरिक अस्पताल, करनाल द्वारा की जायेगी। डिप्टी सीएमओ ने बताया कि संवेदनशील स्थान जैसे-झुग्गी बस्ती, चावल मिल, अनाज मंडी, सब्जी मंडी, इंडस्ट्रियल एरिया, लेबर चौक, बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन, ऑटो स्टैंड, कंस्ट्रक्शन साइट्स, ट्रक यूनियन व ढाबे आदि एलसीडीसी के मुख्य केन्द्र होंगे।
सीएमओ ऑफिस में आज सम्पन्न हुई एसएमओ, सीएचसीए एमओ इंचार्ज, पीएचसी, यूपीएचसी की बैठक में डॉ0 सिम्मी ने बताया कि कुष्ठ रोग एक सामान्य त्वचा रोग है, जो सांस के द्वारा, इलाज ना ले रहे कुष्ठ रोगी से दूसरे व्यक्ति को फैलता है। परन्तु समय पर इलाज शुरू ना करने पर रोगी विकलांग हो सकता है। कुष्ठ का इलाज सभी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर मुफ्त उपलब्ध है। यदि किसी व्यक्ति के शरीर पर सुन्न दाग-धब्बे, गांठ, हाथ-पैरों की नसों में झनझनाहट, पलकों का पूरी तरह बन्द ना होना, सुन्नपन के साथ हाथ-पैरों की उंगलियों का मुड़ना, उनमें घाव की शिकायत हो, तो वह कुष्ठ रोग हो सकता है। वंदना आर्य , पीएमडब्ल्यू ने अभियान संबंधित सभी फॉर्मेट के बारे में जानकारी दी।