नीलोखेड़ी/करनाल सीमा देवी । विस्तार शिक्षा संस्थान नीलोखेड़ी के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. संजय कुमार ने बताया कि संस्थान में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में ड्रोन और सूचना प्रौद्योगिकी का प्रयोग विषय पर चल रहे चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुक्रवार को समापन हो गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ संजय कुमार ने कहा कि कृषि क्षेत्र में नई-नई प्रौद्योगिकियों का प्रयोग किया जा रहा है ताकि कम समय एवं कम लागत में अधिक से अधिक उत्पादन किया जा सके। ड्रोन एक ऐसी ही प्रौद्योगिकी है जिसके प्रयोग से किसानों को काफी मदद मिल सकती है। ड्रोन के माध्यम से बड़े क्षेत्र में बहुत कम समय में कीटनाशकों, खाद, दवाओं इत्यादि का छिडक़ाव बड़ी आसानी से किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त बड़े क्षेत्रों की निगरानी, मैपिंग और सर्वेक्षण में भी ड्रोन का प्रयोग किया जा रहा है। सरकार भी कृषि क्षेत्र में ड्रोन को बढ़ावा दे रही है व इसके लिए प्रशिक्षण संस्थान व अनुदान योजनाएं भी चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि ड्रोन तकनीक के प्रयोग से समय, श्रम और पानी की बचत होती है और रसायनों पर खर्च कम होता है। यह रसायनों के उपयोग को भी कम करता है और मनुष्यों के लिए रसायनों के संपर्क को समाप्त करता है।
उन्होंने बताया कि यह संस्थान चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के वाइस-चांसलर प्रोफेसर बी. आर. कांबोज के नेतृत्व में उत्तर भारत के राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के कृषि, उद्यान, पशुपालन, मत्स्य पालन, वानिकी, महिला एवं बाल विकास इत्यादि विभागों के विस्तार अधिकारियों को प्रशिक्षण देने का काम कर रहा है।
प्रशिक्षण के संयोजक डॉ. अनिल कुमार रोहिला ने बताया कि इस प्रशिक्षण के दौरान विस्तार अधिकारियों को दृश्य प्रशिक्षण संस्थान का भ्रमण करवाया गया जहां पर प्रतिभागियों को ड्रोन को उड़ाने का अभ्यास करवाया गया। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण में हरियाणा, पंजाब, झारखंड और जम्मू कश्मीर के 17 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया है। प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न संस्थानों से व्याख्यानों के लिए विशेषज्ञों को भी आमंत्रित किया गया था। समापन कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। इस दौरान संस्थान के सभी कर्मचारी एवं प्रतिभागी मौजूद रहे।