कन्या भ्रूण हत्या करने वालों को बख्शा न जाए, दोषी को सजा अवश्य मिले : सोनू भट्ट

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एडीसी ने जिला स्तरीय सलाहकार समिति की ली बैठक, लिंगानुपात में सुधार लाने के लिए ठोस कदम उठाने के दिए निर्देश  |                                                                                                                 करनाल सीमा देवी                                                                                                                   अतिरिक्त उपायुक्त सोनू भट्ट ने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या एक जघन्य अपराध है। इस अपराध में संलिप्त लोगों को किसी भी सूरत में बख्शा न जाए, दोषी को सजा अवश्य मिले। इसके लिए अधिकारियों को कहा कि पैरवी बेहतरीन तरीके से की जाए।
अतिरिक्त उपायुक्त वीरवार को स्थानीय लघु सचिवालय के सभागार में प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण अधिनियम (पीएनडीटी एक्ट)के तहत गठित जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक में बोल रहे थे। अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि लिंग परीक्षण करवाना और करना दोनों कानूनी तौर पर अपराध हैं, ऐसे व्यक्तियों पर कड़ी निगरानी रखें और सख्त कार्रवाई करें। कन्या भ्रूण हत्या एक सामाजिक बुराई है और इसे जड़ से खत्म करने के लिए सभी के सहयोग की आवश्यकता है। उन्होंने सीएमओ को निर्देश दिए कि लिंगानुपात में सुधार लाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं और अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर रेड बढ़ाएं तथा औचक निरीक्षण कर उनके रिकॉर्ड की जांच करें।
उन्होंने बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, एएनएम, आशा वर्करों को कहा कि आपके गांवों में लिंगानुपात कम है, इसको सुधारा जाए तथा गांव में बैठक कर लोगों को लिंगानुपात में सुधार लाने के लिए जागरूक किया जाए। एडीसी ने सीएमओ को यह भी कहा कि सभी गांवों में पंजीकरण रजिस्टर मेंटेन हो तथा उसकी समय-समय पर समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि जब रेड हो तो दोषी व्यक्ति के खिलाफ समय पर एफआईआर दर्ज की जाए तथा जिला न्यायवादी को कहा कि संबंधित मामलों की पैरवी कोर्ट में बेहतरीन तरीके से की जाए ताकि दोषी को सजा मिल सके और जितने व्यक्तियों को पीएनडीटी एक्ट के तहत सजा हुई है उनका रिकॉर्ड समय पर अपडेट होना चाहिए।
उन्होंने ड्रग कंट्रोल अधिकारी को निर्देश दिए कि मेडिकल स्टोर का नियमित निरीक्षण करें और उनके रिकॉर्ड की जांच करें। उन्होंने सीडीपीओ को निर्देश दिए कि सुपरवाइजरों की बैठक बुलाएं और इसके बाद धरातल पर कार्य कर रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सचेत करें कि उनके क्षेत्र में कन्या भ्रूण हत्या से संबंधित कोई भी घटना न घटे और गर्भवती महिलाओं पर विशेष ध्यान रखें और उनके पास उनके गांवों का पूरा रिकॉर्ड होना चाहिए कि गांव में कितने बच्चे हुए हैं और कितनी महिलाएं गर्भवती हैं। उन्होंने कहा कि गांवों के सरपंचों और ग्राम सचिवों से तालमेल करके समय-समय पर बैठक करें।
बैठक में सीएमओ डॉ पूनम चौधरी ने बताया कि पीसीपीएनडीटी एक्ट के प्रावधानों और नियमों के उल्लंघन करने पर  5 वर्ष तक की सजा एवं 10 हजार रुपये तक का जुर्माने का प्रावधान है तथा नियमों की उल्लंघना करने वालों के खिलाफ गुप्त सूचना देने वाले को एक लाख रुपये तक का इनाम देने का भी एक्ट में प्रावधान किया गया है। सीएमओ ने बताया कि आशा वर्कर्स के माध्यम से ऐसी गर्भवती महिलाओं पर विशेष नजर रखी जाती है जिनके पास पहले से एक या दो बेटियां हैं। उन्होंने बताया कि जिला करनाल की पीएनडीटी टीम द्वारा 46 रेड की गई तथा जिला में देरी से एएनसी रजिस्ट्रेशन करवाने वाली करीब 150 गर्भवती महिलाओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
इस अवसर पर जिला न्यायवादी डॉ पंकज, सिविल सर्जन डॉ पूनम चौधरी, पीसीपीएनडीटी एक्ट की नोडल अधिकारी डॉ शीनू चौधरी, सीडीपीओ डॉ राजबाला मोर, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से सहायक प्रवेश शर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।