मारकंडा नदी में आया 11000 क्यूसेक पानी, सहमे किसान व डेरावासी

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पिहोवा, 1जुलाई(यज्ञदत्त शास्त्री)
पहाडी क्षेत्र में हुई भारी बरसात के चलते मारकंडा नदी अपने उफान पर है। मारकंडा नदी में मंगलवार सुबह 11000 क्यूसेक पानी बह रहा था। जो मारकंडा नदी के तटबंधों को छु कर चल रहा था। मारकंडा नदी में आए भयंकर उफान से नदी के तट पर बसे डेरा वासियों व किसानों में भय की स्थिति बनी हुई है। जुलाई 2023 में भी मारकंडा नदी में आया उफान से नदी का पानी गांव नैसी के समीप तटबंध को तोड़ कर खेतों में घूस गया था। जिससे किसानों की हजारों एकड़ धान की फसल तबाह हो गई थी और कई डेरा वासियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी थी। इसके अलावा क्षेत्र की सड?े बूरी तरह से क्षति ग्रस्त हो गई थी। एक बार फिर से सोमवार देर रात्रि से मारकंडा नदी में आए उफान से क्षेत्र के लोग घबराए हुए है। कई किसान तो मारकंडा नदी की पूजा व हवन तक करने लगे है ताकि मारकंडा नदी में आया उफान शांत हो सके और क्षेत्र को कोई हानि न हो। हालांकि नहरी विभाग से मिली सूचना के अनुसार पहाड़ी क्षेत्र में बरसात कम होने से मारकंडा नदी का जलस्तर कम होने का अनुमान है। जिससे किसानों व डेरा वासियों ने राहत की सांस ली है।
क्या कहते है नहरी विभाग के जेई
नहरी विभाग के जेई प्रवीन कुमार से बात कि तो उन्होंने कहा कि नहरी विभाग मारकंडा नदी पर लगातार पेट्रोलिंग कर रहा है। कमजोर तटबंधों पर निगरानी रखी जा रही है। विभाग कर प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। जल स्तर के बारे में उन्होंने कहा कि मंगलवार को मारकंडा नदी 11000 क्यूसेक पानी बह रहा है। जो खतरे के निशान से ऊपर है। शाम तक जल स्तर कम होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि किसानों व डेरा वासियों को घबराने की जरुरत नहीं है। विभाग हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।