इन्द्री हल्के के गांव का एक लडक़ा आशीष अमेरिकन सेना में सार्जेट बना

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आशीष के पिता एक निजी स्कूल में अध्यापक है
इन्द्री विजय काम्बोज ||
उपमंड़ल के गांव गोरगढ़ के आशीष कुमार ने अपनी योग्यता के बल पर अमेरिकी सेना में एक उच्च पद पाने में सफलता हासिल की है। उनकी इस उपलब्धि पर पूरे हल्के में खुशी का माहौल है। आशीष के गांव में उनके घर पर लोग लगातार बधाई देने के लिए आ रहे है। गौरतलब है कि आशीष कुमार का अमेरिकी सेना में सार्जेंट के पद पर सिलेक्शन हुआ है। इस बारे में जानकारी देते हुए आशीष कुमार के पिता सुरेश कुमार ने बताया कि उनका पुत्र आशीष 2021 में अपनी स्नातक की शिक्षा पाने के लिए अमेरिका गया था ।

वहां उसने सेंट लुईस स्थित यूनिवर्सिटी आफ मिसोरी में  बैचलर ऑफ साइबर सिक्योरिटी कोर्स में दाखिला लिया और दो साल बाद ही कोर्स के दौरान वर्ष 2023 में उसका सिलेक्शन अमेरिकन आर्मी में ट्रेनी के तौर पर हो गया और 2025 में ट्रेनी के पद से पदोन्नत होकर वह सार्जेंट के पद पर पहुंचनें में सफल हो गया। अमेरिका में इस पद को एनसीओ यानी नॉन कमांडेंट ऑफिसर भी बोला जाता है । सुरेश कुमार ने बताया कि मेरा सपना था कि मेरा बेटा आशीष भारतीय सेना में शामिल होकर अपने देश की सेवा करे लेकिन अमेरिकी सेना में भर्ती होने और सार्जेंट बनने पर भी उन्हें बहुत खुशी हुई है। उन्होंने कहा कि एक छोटे से गांव का बेटा किसी दूसरे देश में शिक्षा के बल पर इतने उच्चें पद पर पहुंचा है। इस उपलब्धि पर पूरे गांव ही नहीं बल्कि हल्के में खुशी का माहौल है ओर उनको लगातार बधाइयों के संदेश मिल रहे है। आशिष के पिता ने बताया कि आशीष अमेरिका में पढ़ाई करने के लिए के गया था। उसने अपनी आंरभिक शिक्षा इन्द्री के एक निजी स्कूल से हासिल की ओर उसके बाद आठवीं कक्षा में पढऩे के लिए वह नासिक चला गया। नासिक से नौवीं कक्षा पास करने के बाद 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई उसने गांव जैनपुर साधान के एक निजी  स्कूल से की। इसके बाद उच्च शिक्षा के लिए वह अमेरिका चला गया। गौरतलब है कि आशीष के पिता सुरेश कुमार बडसालू के एक प्राइवेट स्कूल में अध्यापक है और साथ ही अपनी खेतीबाडी का काम भी करते है। आशीष की बहन सिमरन आस्ट्रेलिया मे बीएससी नर्सिग का कोर्स कर रही है। आशीष की दादी ने अपने पोते की सफलता पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि आशीष ने अपने माता पिता ही नहीं बल्कि पूरे गांव का नाम रोशन किया है।आशीष की माता संगीता रानी ने आशीष की सफलता का श्रेय उसकी मेहनत और लगन को दिया है।