विद्यार्थी के साथ अध्यापक का जुड़ाव अच्छी शिक्षा का आधार-डॉ. करनैल सिंह

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आनंददायी गतिविधियों के माध्यम से सीखने-सिखाने की प्रक्रिया को निखारने का किया अभ्यास
अध्यापक प्रशिक्षण कार्यशाला के चौथे दिन डाइट प्राध्यापकों ने किया निरीक्षण
इन्द्री विजय काम्बोज ||

हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद के सौजन्य से आयोजित की जा रही खंड स्तरीय अध्यापक प्रशिक्षण कार्यशाला के चौथे दिन पांचों समूहों में विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से सीखने-सिखाने की गतिविधियों का अभ्यास करवाया गया। कार्यशाला में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान शाहपुर से प्राध्यापक डॉ. करनैल सिंह बैंस व डॉ. देवेन्द्र शर्मा विभिन्न गतिविधियों का निरीक्षण किया और मास्टर ट्रेनर व अध्यापकों का मार्गदर्शन किया। खंड शिक्षा अधिकारी धर्मपाल चौधरी के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण संयोजक बीआरपी धर्मेन्द्र चौधरी, एबीआरसी डॉ. बारू राम, अनिल आर्य, रजत शर्मा, प्रशिक्षक रविन्द्र शिल्पी, कविता रानी, निशा कांबोज, नीतू कांबोज, युगल किशोर, पूजा देवी, सुखविन्द्र कांबोज, मोनिका, सुनंदा शर्मा, अनुपमा, रीना रानी, प्रियंका व सविता के द्वारा गतिविधियों का संचालन किया गया। डॉ. करनैल सिंह ने कहा कि प्राथमिक शिक्षकों को अपने विद्यार्थियों के नाम जरूर पता होने चाहिएं। नाम से संबोधित करने से विद्यार्थियों का अध्यापकों के साथ जुड़ाव होता है। उन्होंने अध्यापकों को एक दूसरे से परिचय की गतिविधि सिखाते हुए कहा कि विद्यार्थियों का बेहतर मार्गदर्शन करने के लिए उनकी सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों को समझना महत्वपूर्ण उपाय हो सकता है। उन्होंने कहा कि सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में विद्यार्थियों को लैंगिक, जातीय व साम्प्रदायिक संकीर्णताओं से मुक्त करना बेहद जरूरी होता है। उन्होंने अध्यापकों को स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए निरंतर काम करने का आह्वान किया। डॉ. देवेन्द्र शर्मा ने कहा कि स्कूलों का वातावरण स्नेह, प्रोत्साहन व समावेश से परिपूर्ण होना चाहिए। प्रशिक्षण संयोजक धर्मेन्द्र चौधरी, प्रशिक्षक डॉ. बारू राम व रविन्द्र शिल्पी ने कहा कि पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में अध्यापकों को नई शिक्षा नीति-2020 और एफएलएन के अनुसार शिक्षण को रूचिकर व गतिविधि आधारित बनाने का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। स्कूलों में सीखने-सिखाने की कुशल गतिविधियों से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आ रहा है। इस मौके पर हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा, महिन्द्र कुमार, जसविन्द्र सिंह, देवेन्द्र देवा, मान सिंह चंदेल, राज कुमार, सबरेज अहमद, सुरेश कुमार, अरुण गांधी, जगदीश चन्द्र, विकास वर्मा, लाभ सिंह, राजेश कुमार, सीमा रानी, रमेश कुमार, रीना, धर्मवीर, अजैब सिंह, अमित कुमार व रेणू सहित अनेक अध्यापक मौजूद रहे।