करनाल विजय काम्बोज||
हर घर वाल्मीकि रामायण अभियान के संयोजक करनाल जिले के समौरा गांव निवासी तेजिंद्र सिंह तेजी व धर्मानुयायियों ने पंचकमल में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडौली को रामायण भेंट कर अभियान को गति दी। मोहन लाल बडौली ने कहा कि इस तरह के अभियान की समाज में बहुत जरूरत है। उन्होंने भगवान वाल्मीकि जी की शिक्षाओं का अनुशरण करने का संदेश दिया। महर्षि वाल्मीकि जी द्वारा रचित रामायण युगों-युगों से मानव जाति को ज्ञान व दिशा प्रदान कर रही है और हमेशा करती रहेगी। विश्व का सबसे प्राचीन महाकाव्य आज भी सभी को प्रेरणा दे रहा है।
इस मौके पर भाजपा संगठन मंत्री फणीद्र नाथ शर्मा ने इस अभियान की तारीफ करते हुए कहा कि ऐसे अभियान से समाज में जागरूकता बढ़ती है।
तेजी ने कहा कि इस अभियान की शुरूआत 6 मार्च को केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल के नई दिल्ली स्थित आवास से की गई थी। अभियान के तहत 1 हजार दिन में 21 हजार घरों में महर्षि वाल्मीकि जी द्वारा रचित रामायण भेंट की जाएगी। उन्होंने कहा कि आज के समय में युवाओं को शिक्षित होने के साथ-साथ अध्यात्म में भी मन लगाना चाहिए। इससे वे सामाजिक बुराईयों से बचे रहेंगे और उन्हें सही दिशा मिलने से जीवन में प्रगति की ओर बढ़ते जाएंगे। व्यक्तित्व प्रभावशाली बनेगा और सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि यह मानव जन्म परमपिता परमात्मा की आराधना करने के लिए भी है। अपने जीवन के व्यस्त पलों में से भी समय निकालकर परमात्मा को याद करके उसकी अनुकंपा का पात्र बनें। पाप व बुराईयों से बचकर रहें। जिस घर में रामायण पाठ करवाए जाते हैं उनमें सदस्यों के आचरण व व्यवहार को देखकर सीख ले सकते हैं। उनके मनों में शांति व धैर्य मिलेगा और वे किसी की बुराई नहीं करते। सामाजिक उत्थान के लिए शिक्षा भी बहुत जरूरी है। आज के विद्यार्थी रामायण के प्रसंगों एवं संस्मरणों से गहन विज्ञान के गूढ़ रहस्यों के बारे में शोध को लेकर प्रेरित हो सकते हैं।
इस दौरान डा बी आर अम्बेडकर अध्यन केन्द्र के सदस्य दिनेश वाल्मीकि, डीएससी एकता मंच के राष्ट्रीय प्रवक्ता कर्मबीर लाठर, साहिल लाडवा सहित अन्य श्रद्धालु मौजूद रहे।
तेजी ने कहा कि इस अभियान की शुरूआत 6 मार्च को केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल के नई दिल्ली स्थित आवास से की गई थी। अभियान के तहत 1 हजार दिन में 21 हजार घरों में महर्षि वाल्मीकि जी द्वारा रचित रामायण भेंट की जाएगी। उन्होंने कहा कि आज के समय में युवाओं को शिक्षित होने के साथ-साथ अध्यात्म में भी मन लगाना चाहिए। इससे वे सामाजिक बुराईयों से बचे रहेंगे और उन्हें सही दिशा मिलने से जीवन में प्रगति की ओर बढ़ते जाएंगे। व्यक्तित्व प्रभावशाली बनेगा और सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि यह मानव जन्म परमपिता परमात्मा की आराधना करने के लिए भी है। अपने जीवन के व्यस्त पलों में से भी समय निकालकर परमात्मा को याद करके उसकी अनुकंपा का पात्र बनें। पाप व बुराईयों से बचकर रहें। जिस घर में रामायण पाठ करवाए जाते हैं उनमें सदस्यों के आचरण व व्यवहार को देखकर सीख ले सकते हैं। उनके मनों में शांति व धैर्य मिलेगा और वे किसी की बुराई नहीं करते। सामाजिक उत्थान के लिए शिक्षा भी बहुत जरूरी है। आज के विद्यार्थी रामायण के प्रसंगों एवं संस्मरणों से गहन विज्ञान के गूढ़ रहस्यों के बारे में शोध को लेकर प्रेरित हो सकते हैं।
इस दौरान डा बी आर अम्बेडकर अध्यन केन्द्र के सदस्य दिनेश वाल्मीकि, डीएससी एकता मंच के राष्ट्रीय प्रवक्ता कर्मबीर लाठर, साहिल लाडवा सहित अन्य श्रद्धालु मौजूद रहे।