अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर आयोजित राष्ट्रीय स्तरीय पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता (हाइब्रिड मोड) में वैज्ञानिक विषयों पर नवाचार का प्रदर्शन

इंद्री विजय काम्बोज || शहीद उधम सिंह राजकीय महाविद्यालय, मटक माजरी, करनाल में अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय स्तर की पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन बड़े धूमधाम से किया गया। महाविद्यालय के गणित, रसायन, भौतिकी, वनस्पति विज्ञान और जंतु शास्त्र विभागों के संयुक्त तत्वाधान में शांति एवं विकास के उद्देश्य से इस रचनात्मक आयोजन को अंजाम दिया गया। विज्ञान की विभिन्न शाखाओं में विद्यार्थियों की प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए इस प्रतियोगिता का आयोजन हाइब्रिड मोड में किया गया था, जिसमें देश के अलग-अलग हिस्सों से कई प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
इस प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय और महाविद्यालय की श्रेणी में प्रथम स्थान आर० के० एस० डी० महाविद्यालय, कैथल की बीए द्वितीय वर्ष के मुकेश एवं खुशलीन कौर की टीम ने प्राप्त किया, द्वितीय स्थान शहीद उधम सिंह राजकीय महाविद्यालय, मटक माजरी, करनाल की बीए तृतीय वर्ष की सिमरन एवं मानवी की टीम ने प्राप्त किया, तृतीय स्थान शहीद उधम सिंह राजकीय महाविद्यालय, मटक माजरी, करनाल की बीए प्रथम वर्ष की छात्रा रिया ने प्राप्त किया। जबकि विद्यालय श्रेणी में  प्रथम स्थान ग्रीनलैंड पब्लिक स्कूल, करनाल के ग्यारहवीं कक्षा के छात्र नमय चावला ने प्राप्त किया। द्वितीय स्थान टैगोर बाल निकेतन सीनियर सेकेंडरी स्कूल की 12वीं कक्षा की छात्रा मिताली ने प्राप्त किया। तृतीय पुरस्कार गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल बयाना इंद्री के 11वीं कक्षा के छात्र हिशु ने प्राप्त किया। इसके अतिरिक्त साक्षी देवी (बुद्धा कॉलेज ऑफ़ एजूकेशन),  किरण (राजकीय महिला महाविद्यालय, करनाल), इशिता (इंदिरा गांधी महिला महाविद्यालय, कैथल), अर्जिता (राजकीय कन्या महाविद्यालय, पलवल), यजस्विनी(पंडित चरण जी लाल शर्मा राजकीय महाविद्यालय,करनाल), वंशिका(करनाल इंटरनेशनल स्कूल), आदर्श सेठी (पार्थ पब्लिक स्कूल, घरौंडा) ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किए। विजेताओं को नगद पुरस्कार के साथ-साथ प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजीव गुप्ता ने स्वयं प्रतियोगिता में प्रस्तुत की गई कृतियों का अवलोकन किया और विद्यार्थियों की कड़ी मेहनत की सराहना की। उन्होंने कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में भारत का योगदान पुरातन काल से ही अद्वितीय रहा है और आज का भारत एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण से विश्व का नेतृत्व कर रहा है।
कार्यक्रम की कन्वीनर प्रोफेसर दीपा एवं प्रोफेसर विभा गोयल ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन से न केवल विद्यार्थियों का आत्मविश्वास बढ़ता है बल्कि उन्हें विज्ञान के विभिन्न पहलुओं को समझने और प्रस्तुत करने का अवसर भी मिलता है एवं देश के वैज्ञानिक विकास में भी योगदान मिलता है। अंतरराष्ट्रीय विज्ञान दिवस के इस आयोजन ने विद्यार्थियों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सोचने और अपनी रचनात्मकता को प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किया।
प्रतियोगिता के आयोजक सचिव प्रोफेसर गुलाब सिंह एवं प्रोफेसर सुमित गोयल ने जानकारी दी कि प्रतियोगिता में हरियाणा के अतिरिक्त मध्य प्रदेश, कर्नाटक, झारखंड, दिल्ली, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के 24 ज़िलों से 07 विश्वविद्यालयों, 19 महाविद्यालयों, और 8 विद्यालयों की कुल 58 टीमों के 85 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। विद्यार्थियों ने भौतिकी, रसायन शास्त्र, गणित, वनस्पति विज्ञान, और जंतु शास्त्र के विभिन्न विषयों के साथ-साथ स्पेस टेक्नोलॉजी और प्रमुख वैज्ञानिकों के योगदान जैसे विषयों पर रचनात्मक पोस्टर हाइब्रिड मोड से प्रस्तुत किए।
इस अवसर पर विज्ञान के विभिन्न पहलुओं को उजागर करने के लिए विद्यार्थियों द्वारा तैयार की गई कृतियों की एक प्रदर्शनी भी लगाई गई। इस प्रदर्शनी का अवलोकन करने के लिए इंद्री ब्लॉक के कई विद्यालयों के शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित थे। राष्ट्र के विभिन्न राज्यों के विश्वविद्यालयों महाविद्यालयों एवं विद्यालयों के विद्यार्थियों के द्वारा प्रदर्शित की गई रचनात्मक कृतियों का अवलोकन कर विद्यार्थियों में कला और वैज्ञानिक सोच का विकास हुआ।
प्रतियोगिता का निर्णायक मंडल प्रोफेसर संजीव कुमार (पंडित चिरंजी लाल शर्मा राजकीय महाविद्यालय, करनाल), प्रोफेसर देवेंद्र कुमार (राजकीय महाविद्यालय, कैथल) और प्रोफेसर सीमा (राजकीय कन्या महाविद्यालय, पलवल, कुरुक्षेत्र) ने संभाला। निर्णायक मंडल ने विद्यार्थियों की प्रस्तुतियों का बारीकी से मूल्यांकन किया और उनके वैज्ञानिक दृष्टिकोण को प्रेरणादायक बताया। कार्यक्रम के मंच का संचालन प्रोफेसर दीपा ने किया, जबकि प्रोफेसर अनिला, प्रोफेसर राजकुमार, प्रोफेसर रणवीर सिंह, प्रोफेसर रमेश कुमार, प्रोफेसर श्रीभगवान भारद्वाज और प्रोफेसर सुरेश कुमार सहित अन्य कई प्रमुख शिक्षकों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को विशेष रूप से उत्साहवर्धक बना दिया।
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