पिहोवा || – उप-मंडल कृषि अधिकारी पिहोवा डा. मनीष कुमार वत्स ने बताया कि डा. कर्म चंद, उप-कृषि निदेशक, कुरुक्षेत्र के मार्गदर्शन में फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत ग्राम स्तर पर सघन अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय प्रदुषण रोकथाम बोर्ड, नई दिल्ली से संदीप कुमार, वैज्ञानिक ने भी खंड पिहोवा में रविवार को किसानों से मुलाकात की एवं उनका फीडबैक लिया। उन्होंने कई फसल अवशेष प्रबंधन कर रही सहकारी मशीन संस्थाओं का भी दौरा किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने खेतों में जा कर फसल अवशेष प्रबंधन के तहत चल रही मशीनों का जायजा भी लिया।
डा. मनीष वत्स ने बताया कि एक टन पराली जलाने पर 5.5 किलोग्राम नाइट्रोजन, 2.3 किलोग्राम
फॉस्फोरस एवं 2.5 किलोग्राम पोटाश जल जाता है। यदि सभी अवशेषों को मशीनों के द्वारा इन-सीटू के
तहत भूमि में मिलाया जाए तो मिटटी में सूक्ष्म जीवों की सक्रियता बढ़ जाएगी। पौधों के अन्य पोषक तत्व जैसे फोस्फोरस, कैल्शियम, मैग्निसियम भी बढ़ जाते हैं। मृदा के भौतिक गुणों जैसे संरचना, जल एवं पोषक तत्व धारण करने की क्षमता में वृद्धि होती है। मृदा का पी.एच. मान ठीक रहता है जिस से उर्वरको की उपलब्धता एवं स्थरीकरण बढ़ जाता है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा जारी की गई फसल अवशेष प्रबंधन योजना के अंतर्गत किसी भी विधि का उपयोग करते हुए चाहे इन-सीटू या एक्स-सीटू जिसमे मशीनों के इस्तेमाल से गाँठ बनाने या पराली को भूमि में मिलाने पर सरकार द्वारा प्रति एकड़ 1000 रूपये प्रोत्साहन राशि के रूप में सीधे किसानों के खाते में भेजी जाएगी। इसके लिए किसान ंहतपींतलंदंण्हवअण्पद वेबसाइट पर जा कर पंजीकरण कर सकते हैं। पंजीकरण शुरू हो चुका है एव इच्छुक किसान पंजीकरण करवा सकते हैं। इसके लिए किसान का मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर पंजीकृत होना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि उपायुक्त महोदय, कुरुक्षेत्र द्वारा फसल अवशेषों में आग लगाने पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है एवं धारा 144 लागु कर दी गई है। यदि फिर भी कोई भी किसान फसल अवशेषों में आग लगाता पाया गया तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी जिसके तहत प्रति एकड़ 2500 रूपये का जुर्माना निर्धारित है एवं जुर्माना न भरने की सूरत में थ्प्त् भी की जा सकती है। उपायुक्त महोदय द्वारा विभिन्न विभागों से अधिकारियों व कर्मचारियों को गाँव स्तर पर तैनात कर दिया है ताकि गहनता से निगरानी की जा सके। अतः सभी किसान भाइयों से अपील की जाती है की कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सहयोग से मशीनों का उचित उपयोग कर के फसल अवशेषों का प्रबंधन करें एवं विभाग द्वारा दी जा रही योजना का लाभ उठायें।
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