भेदभाव को समाप्त कर समस्त हिंदू समाज को एक करना संघ का उद्देश्य: संजय 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्थापना दिवस पर स्वयंसेवकों ने शहर में निकाला पथ संचलन
करनाल विजय काम्बोज ||
विजयदशमी पर्व पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा स्थानीय डीएवी कॉलेज में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
सबसे पहले ध्वजारोहण और ध्वज प्रणाम हुआ। इसके बाद अमृत वचन, गीत और बौद्धिक सत्र के बाद पथ संचलन शुरू हुआ। कार्यक्रम में स्वयंसेवकों द्वारा शस्त्र पूजन भी किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य संघ कार्यकर्ताओं के बीच एकता, अनुशासन और शक्ति का प्रदर्शन करना होता है। शस्त्र पूजन संघ की सांस्कृतिक और धार्मिक मान्यताओं का हिस्सा है, जो शक्ति और धैर्य का प्रतीक माना जाता है।
माधव नगर और केशव नगर के सामूहिक पथ संचलन में दंड और गणवेश में सैकड़ो कार्यकर्ताओं ने शहर के मुख्य मार्गों पर कदमताल के साथ अनुशासन का परिचय दिया। पथ संचलन का नगर के विभिन्न मार्गों पर शहरवासियों द्वारा फूलों की वर्षा कर स्वागत किया गया। देशभक्ति गीतों के साथ बैंड और बिगुल की धुनों पर संचलन डीएवी कॉलेज से होता हुआ रेलवे रोड, सदर बाजार, कमेटी चौक, कुंजपुरा रोड होते हुए वापस डीएवी कॉलेज में समाप्त हुआ। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक संजय कुमार ने मुख्य वक्ता के रूप में अपना संबोधन दिया।
अपने संबोधन में संजय कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 6 उत्सवों में से एक विजयादशमी को अपने स्थापना दिवस के रूप में भी मनाता है। भगवान श्रीराम ने वनवास काल में उत्तर से लेकर दक्षिण तक समस्त हिंदू समाज को एक करने का कार्य किया। उन्होंने सभी जनजातियों को एकत्रित कर अपनी सेना अधर्म से लड़ने के लिए तैयार की और समस्त हिंदू समाज को जागृत किया। भगवान राम ने पीड़ित, शोषित, वंचित वर्ग को हमेशा गले लगाया। उनका यह संदेश हमें भी अपने अंदर धारण करना है। हिंदू समाज को जाति पाति के बंधन को तोड़ना होगा। उन्होंने कहा कि लंका विजय के बाद भगवान राम ने लंका को अपने राज्य के अधीन नहीं किया अपितु उन्हीं के बीच के एक धर्मपरायण श्रेष्ठ व्यक्तित्व विभीषण को लंका का राज सौंप दिया। यही हिंदुत्व की परिभाषा है कि सत्य का साथ दो, अन्याय से लड़ो और कभी दूसरे के धन संपत्ति की लालसा न रखो। संजय कुमार ने कहा कि जिस तरह दूध से दही फिर मक्खन व फिर उसे और परिष्कृत कर घी बनता है वैसे ही संघ स्वयंसेवकों को तराशने व उनमें देश प्रेम, सेवा और समर्पण जैसे गुण भरने का कार्य करता है। अपने संबोधन में उन्होंने आतंकवाद, नक्सलवाद समेत अन्य देश विरोधी ताकतों से निपटने के लिए समाज को हमेशा तत्पर रहने का संदेश दिया, साथ ही शस्त्र पूजन का महत्व भी बताया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने सोए हुए हिन्दू समाज को जगाया, जिससे सनातन धर्म की रक्षा हुई। आरएसएस के स्वयंसेवक देश के सच्चे सिपाही और सैनिक है जो हमेशा राष्ट्रहित की बात को सर्वोपरि मानते हैं। संघ का कार्य न किसी को डराना है और न ही डरना है। संघ की देश को विकसित बनाने में अहम भूमिका है।
गौरतलब है कि आज से ही आरएसएस का शताब्दी वर्ष शुरू हो रहा है। इसमें पंच परिवर्तन अभियान संघ ने शुरू किया है। इस अभियान के पांच बिंदुओं में सामाजिक समरसता, परिवार प्रबोधन, पर्यावरण प्रबंधन, स्वदेशी जीवनशैली, पांचवां नागरिक अनुशासन शामिल है।
इस मौके पर जिला संघ चालक डॉ भरत ठाकुर, जिला कार्यवाह विकास यादव केशव नगर कार्यवाह श्याम सुंदर थरेजा, माधव नगर कार्यवाह भारत भूषण सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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