करनाल में विराट सिख सम्मेलन आज , लिए जाएंगे महत्वपूर्ण राजनीतिक सामाजिक के साथ पंथ से संबंधित निर्णय
पंथ की खातिर किसी भी बड़ी कुर्बानी से नहीं चूकेंगे : झिंडा
सम्म्ेालन में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहेंगे पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक
करनाल विजय काम्बोज: शिरोमणि पंथक अकाली दल हरियाणा द्वारा रविवार एक सितंबर को सुबह 11 बजे से करनाल के जीटी रोड पर स्थित माता साहब देब जी बाबा जोगा सिंह गुरुद्वारे के सभागार में विशाल सिख सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इस सम्मेलन में मुख्य अतिथि पूर्व राज्यपाल सतपाल मलिक होंगे। इस अवसर पर हरियाणा में गुरुद्वाराके को सरकार द्वारा थोपी गई कमेटी से मुक्त करवाने के लिए अपील की जाएगी। इस अवसर पर कई महत्वपूर्ण राजनीतिक सामाजिक प्रस्ताव पारित किए जाएंगे। यह जानकारी शिरोमणि पंथक अकाली दल हरियाणा के प्रमुख जगदीश सिंह झिंडा ने दी। वह आज करनाल में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने सिख युवाओं से अपील की कि वह सिख पंथ की रक्षा के लिए सरकारी कब्जे से गुरुद्वारों को मुक्त करवाने के लिए आगे आएं। उन्होंने कहा कि पंथ की रक्षा के लिए तथा गुरुद्वारों को सरकारी कब्जों से मुक्त करवाने के लिए किसी भी कुर्बानी के लिए तैयारहै। उन्होंने कहा कि बड़े जत्थेदारों ने अपने डेरों को बचाने के लिए सरकार और भाजपा के आगे धुटने टेक दिए है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा गठित की गई हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के गठन को सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में चुनौति देंगे। उन्होंने बताया कि यदि एक नवंवर तक एचएसजीपीसी के चुनाव करवाने के लिए तिथि की घोषणा नहंी की तो सिख संगत आर पार की लड़ाई छेढ़ देगी। उन्होंने कहा कि आठ सितंबर को होने वाला सिख सम्मेलन सरकार द्वारा प्रायोजित हैं।इअसके माध्यम से कुछ लोग अपनी दुकानदारी चमकाना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि एचएसजीपीसी के पदाधिकारी सरकार के प्यादे बन कर रह गए ळैं। गुरुद्वारों की गौलकों को उपयोग राजनीतिक और भाजपा के लिए किया जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं को गुरुओं की कुर्बानी को याद करना चाहिए। गुरुओं ने पंथ की रक्षा के लिए अपने परिवार को कुर्बान कर दिया। आज कई जथेदार सरकार की गौद मेंजा कर बैठ गए हैं। उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई किसी से नहीं है। बल्कि उनकी लड़ाई पंथ के दुश्मनों के साथ हैं। इस अवसर पर शिरोमणि पंथक अकाली दल हरियाणा के युवा प्रमुख भूपिंदर सिंह लाडी, युवा नेता गरुदीप सिंह सिंह अपार सिंह, बलविंदर सिंह, नरेंद्र सिंह कात्याल, सुरेंद्र सिंह यमुनानगर उपस्थित थे।