कर्नाटक की तरह छतीसगढ़ में भी होंगे कांग्रेस के वायदे पूरे : ललित बुटाना

बोले : भूपेश बघेल के नेतृत्व में छतीसगढ़ में फिर से बनेगी कांग्रेस की सरकार
करनाल विजय काम्बोज ||  अखिल भारतीय कांग्रेस किसान सेल के राष्ट्रीय संयोजक एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य, हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन के पूर्व सदस्य ललित बुटाना ने कहा कि कांग्रेस ही देश की एक ऐसी पार्टी है जो सभी राज्यों में अपने चुनावी वायदे पूरे करके दिखाती है। हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में चुनाव से पहले जो वायदे कांग्रेस पार्टी ने किए थे। वह सत्ता आते ही पूरे किए गए। उन्होंने यह भी कहा कि कर्नाटक में जिन पांच चुनावी वायदों को लागू किया गया था। उसमें छतीसगढ़ के चुनावों में एक वायदा और जोड़ दिया गया है। छतीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनते ही सभी के सभी चुनावी वायदे पूरे किए जाऐंगे। वह आज छतीसगढ़ के हल्का बिल्हा से कांग्रेस उम्मीदवार सिया राम कौशिक के साथ डोर टू डोर व जनसभा को संबोधित कर रहे थे। कांग्रेस नेता ललित बुटाना और ओम प्रकाश सलूजा ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि इस समय नरेंद्र मोदी देश के मतदाताओं के बीच भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे है। मोदी केवल देश के लोगों को बांटकर फायदा उठाना चाहते है। लेकिन कर्नाटक और हिमाचल की तरह छतीसगढ़ में भी जनता भाजपा के बहकावे में आने वाली नहीं है। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीते पांच सालों में जिस तरह राज्य में खेलो और धर्म संस्कृति को बढ़ावा दिया है जिस तेज गति से शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार किया है। जिस प्रणाली से युवाओं को रोजगार दिया गया है और जनता के हित में जिस तरह से ईमानदारी से काम किया गया है। उससे छतीसगढ़ की जनता मुख्यमंत्री की कार्यप्रणाली से बेहद पसंद है। दोनों नेताओं ने कहा कि भूपेश बघेल ने आदिवासियों के साथ-साथ  तमाम वर्गो का विकास किया। खासतौर पर आदिवासी और पिछड़ा वर्ग के लोगों ने बेहतरीन सुविधाएं देकर उनका आर्थिक जीवन सुधारने का काम किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक समान धारा वाली पार्टी है। जो सभी वर्गो को साथ लेकर चलती है। मगर भाजपा ने हमेशा सत्ता हासिल करने के लिए जात-पात का राग अलापने के अलावा कुछ नहीं किया। उन्होंने हरियाणा का उदाहरण देते हुए कहा कि हरियाणा में भाजपा की सरकार है मगर अर्थहीन सरकार की खराब नीतियों के कारण आज हरियाणा युवाओं से विहीन हो रहा है। हरियाणा के युवा रोजगार की तलाश में विदेशों में जाकर कामकाज ढूंढ रहे है।

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