हरियाणा में चौटाला परिवार की जंग में अब पार्टी के नेता भी कूद गए हैं। जननायक जनता पार्टी (JJP) के नेता एवं पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के पिता अजय चौटाला ने इनेलो में वापसी की हामी भरी थी। जिसके बाद इनेलो के महासचिव अभय चौटाला ने उन्हें गद्दार और कलंक कहकर पार्टी में कोई जगह न होने की बात कही।
उनकी इस लड़ाई में इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल माजरा भी आ गए। उन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट (X) पर जजपा के इस्तीफों को लेकर तंज कसा है। उन्होंने लिखा है कि जजपा का राजनीतिक ही नहीं सामाजिक अंत भी तय है…गद्दारों की पार्टी में 4 लोग ही बचेंगे अब।
उन्होंने जजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय चौटाला, नैना चौटाला, दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला यानी पूरे परिवार पर ये निशाना साधा।
यह देख जजपा के पूर्व मंत्री भी इस लड़ाई में आ गए। उन्होंने माजरा की सोशल मीडिया पोस्ट पर रिप्लाई करते हुए लिखा- ” अंत किसका हुआ है, इसका फैसला हरियाणा की जनता पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में कर चुकी है। 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद न आपके दल का नाम बचेगा, न चुनाव आयोग की तरफ से निशान बचेगा।
दुख इस बात का है कि इतनी बड़ी पार्टी और विचारधारा का विनाश एक व्यक्ति के अहंकार, व्यभिचार और व्यवहार आप जैसे चाटुकार की वजह से हाे गया है।”
INLD के निशाने पर जजपा की 3 बड़ी वजहें…
1. इस्तीफों की झड़ी से इनेलो को मौका मिला
भाजपा से गठबंधन टूटने के बाद जजपा के कई बड़े चेहरे पार्टी को अलविदा कह चुके हैं। प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह ने सबसे पहले पार्टी को अलविदा कहा। इसके बाद चेयरपर्सन कमलेश सैनी, महिला विंग की प्रदेश सचिव ममता कटारिया, बावल से पूर्व प्रत्याशी श्यामसुंदर सभरवाल, जजपा-भाजपा गठबंधन के मुख्य सूत्रधार कैप्टन मीनू बैनीवाल, प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेंद्र लेगा, पूर्व विधायक सतिंदर सिंह राणा, विधायक जोगी राम सिहाग, हल्का प्रधान जगजीत सिंह भोडी, प्रदेश महासचिव रेखा शाक्य, फतेहाबाद के शहरी प्रधान पवन चुग और महम के पार्टी अध्यक्ष सुरेंद्र बल्हारा इस्तीफा दे चुके हैं।
2. अजय चौटाला को अभय को पहला ऑफर
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि INLD के निशाने पर जजपा आने की दूसरी बड़ी वजह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय चौटाला के द्वारा अपनी तरफ से ऑफर दिया जाना है। अजय ने ऐसे संकेत दिए वह INLD में वापसी करना चाहते हैं। इससे उनके धुरविरोधी भाई अभय चौटाला को मौका मिल गया और उन्होंने इस बहाने से जमकर सियासी हमला कर दिया। इसके बाद अब उनकी पार्टी के नेता भी जजपा के नेताओं पर सीधा हमला बोल रहे हैं।
3. अब सरकार में नहीं है जजपा
तीसरा और सबसे अहम वजह यह है कि जजपा अब हरियाणा में सरकार में नहीं है। भाजपा से जजपा का गठबंधन टूट गया है। सरकार में शामिल रहने के दौरान INLD अब सीधे तौर पर जजपा और उनके नेताओं को निशाना बना रही है। इसके जरिए वह यह मैसेज देना चाहती है कि जजपा अभी भी भाजपा के साथ ही है।
चूंकि दोनों पार्टियों का वोट बैंक का सबसे बड़ा आधार जाट हैं, इसलिए आने वाले लोकसभा चुनाव में जाट वोट का ध्रुवीकरण न हो इसको लेकर इनेलो जजपा पर सीधे-सीधे निशाना साध रही है।