निर्वाचित महिलाओं को सक्षम बनाने के लिए 4 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

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नीलोखेड़ी/करनाल। राज्य पंचायत संसाधन केंद्र, नीलोखेड़ी में विकास एवं पंचायत विभाग, हरियाणा की और से 1 से 4 जुलाई तक पंचायती राज संस्थाओं की निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों को सक्षम बनाने के लिए 4 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम को कार्यान्वित करने की जिम्मेदारी योजना एवं प्रबंधन विकास विशेषज्ञ डॉ. नीलम छिक्कारा को पंचायत एवं विकास विभाग द्वारा दी गई है। कार्यक्रम में निर्वाचित महिलाओं को प्रशिक्षण देने के लिए राज्यभर से महिला ट्रेनरों को शामिल किया गया है। प्रशिक्षण के संपन्न होने के उपरांत महिला मास्टर ट्रेनरों के द्वारा स्थानीय स्वशासन की महिला निर्वाचित प्रतिनिधियों को सशक्त बनाने व सक्षम नेतृत्व करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित के साथ शुरू किया गया। इस मौके पर कोर्स कॉर्डिनेटर डॉ. नीलम छिक्कारा , संकाय सदस्य डिम्पी मल्होत्रा, फतेहाबाद के ग्राम पंचायत गदली सुनीता देवी सरपंच , जिला फरीदाबाद के ग्राम पंचायत फतेहपुर की सरपंच सरोज रानी सरपंच ,बिल्लोच  स्टेट मास्टर ट्रेनर सुमन लता, पूनम व नेहा डीपीएम चरखी दादरी आदि ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। हाल ही में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 8 मार्च 2025 को एक मॉड्यूल बदलाव का नेतृत्व की शुरुआत पंचायती राज संस्थाओं की महिला प्रतिनिधियों को स्थानीय स्वशासन, स्थानीय सुशासन और उससे परे महिला नेतृत्व को सशक्त बनाने के लिए की।
इस कार्यक्रम के अवसर पर कोर्स कोआर्डिनेटर डॉ. नीलम छिक्कारा ने प्रथम सत्र के दौरान प्रतिभागियों को बताया कि लैंगिक समानता को बढ़ावा देने वाली विभिन्न नीतियों के बावजूद राजनीतिक निर्णयों में महिलाओं की भागीदारी अभी भी बहुत सीमित है। देश में महिला आरक्षण लागू होने से सुशासन में महिलाओं की संख्या तो बढ़ी लेकिन उनकी आवाज अभी भी कमजोर बनी हुई है। केवल राजनीतिक क्षेत्रों में महिलाओं की मौजूदगी इस बात की गारंटी नही देती कि उनकी मांगे, आवश्यकताएं और हित राजनीति और नीतियों में प्रभावी रूप से शामिल कर लिए जाएं। महिला नागरिकों और निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के बीच जुड़ा की कमी नीतियों और निर्णय प्रक्रिया में महिलाओं के प्रभाव को सीमित कर देती है। प्रशिक्षण आवश्यकता मूल्यांकन और सर्वेक्षण दोनों इस बात को महसूस कराते हैं कि निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों ने आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता बढ़ाने के लिए एक व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम की जरूरत है ताकि वे सरपंच एवं पंच के रूप में अपने अधिकारों का सही उपयोग कर सके।
उन्होंने कहा कि महिलाओं को अधिकार प्राप्त पदों पर आने और अपनी जिम्मेदारी संभालने के दौरान घर परिवार और समाज में कई तरह की बढ़ाओ का सामना करना पड़ता है। इसलिए जरूरी है कि इस कार्यक्रम के माध्यम से उन्हें ऐसे कौशल सिखाए जायें, कि वे अपनी व्यक्तिगत और आधिकारिक भूमिकाओं को बेहतर तरीके से निभा सके।  साथ ही, उन्हें पंचायत राज व्यवस्था की पूरी समझ होनी चाहिए ताकि वह अपने उद्देश्यों को पूरा कर सकें।  इस चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में अलग-अलग गतिविधियों के द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने  बताया कि इतनी सारी गतिविधियां पहली बार किसी ट्रेनिंग में करवाई जा रही हैं ताकि महिला ट्रेनर महिला सरपंचों के साथ अच्छे से तालमेल बनाकर उन्हें अच्छे से समझा पाए और उनमें हौंसला भर सके कि वो अपनी जिम्मेदारी अच्छी तरीके से निभा सकती हैं। इस कार्यक्रम के दौरान पंचायत एवं विकास विभाग की मीडिया की टीम की तरफ से श्री वेदांश और विवेक भी सम्मिलित रहे।