टी.बी. एक संक्रामक रोग, लक्षण दिखने पर तुरंत करवाएं जांच और इलाज: डॉ लोकवीर
करनाल विजय काम्बोज |। सिविल सर्जन डॉ. लोकवीर द्वारा मंगलवार को अपने कार्यालय में 100 दिन के क्षय रोग उन्मूलन के लिए अभियान का शुभारंभ मोबाइल मेडिकल यूनिट को हरी झंडी दिखाकर किया गया। कार्यक्रम में उप सिविल सर्जन डॉ. रविन्द्र संधु , उप सिविल सर्जन डॉ. नरेश, उप सिविल सर्जन डॉ. अमन, उप सिविल सर्जन डॉ. शीनू , उप सिविल सर्जन डॉ. नीलम, उप सिविल सर्जन डॉ. कैलाश तथा अन्य टीबी स्टाफ ने भाग लिया।
सिविल सर्जन डॉ लोकवीर ने बताया कि कार्यक्रम के अंतर्गत जिले में अगले 100 दिनों तक मोबाइल मेडिकल टीमों द्वारा गांव-गांव जाकर आशंकित मरीजों की जांच की जाएगी। टीमों द्वारा मौके पर ही खून व बलगम जांच के सैंपल लेकर टीबी मरीजों की पहचान की जाएगी। यदि किसी व्यक्ति में टीबी के लक्षण पाए जाते है तो वह नजदीक स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर जांच व इलाज करवाएं। सभी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर टीबी से संबंधित जांच व इलाज मुफ्त में किया जाता है। साथ ही उन्हे निक्षय पोषण योजना के तहत एक हजार रुपये प्रति माह पौष्टिक आहार के लिए देने का प्रावधान किया गया है । ताकि वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके। इसलिए इसके लिए मरीजों को जागरूक करना बहुत आवश्यक है । उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा टीबी को नोटिफाइबल डिजीज घोषित किया गया है, जिसके अन्तर्गत सभी प्राइवेट अस्पतालों/क्लीनिक एवं लैब को टीबी के मामलों को रिपोर्ट करना आवश्यक है ।
डॉ लोकवीर ने बताया कि टी.बी. एक संक्रामक रोग है जोकि टीबी के मरीज के खांसने और छींकने से फैलता है। यह इंफेक्शन आसानी से हवा में घुल जाता है। शुरुआत में यह बीमारी फेफड़ों पर असर करती है। बाद में बैक्टीरिया खून के जरिये शरीर के अन्य हिस्सों को प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति को दो हफ्तों से ज्यादा खांसी हो, उसके बलगम में खून आता हो, वजन कम हो, हल्का बुखार रहता हो, भूख कम लगती हो या रात को पसीना आता हो तो वह जांच करवाएं ताकि इसका इलाज समय पर हो सकें।
उप-सिविल सर्जन (टीबी) डॉ सिम्मी कपूर ने बताया कि भारत सरकार द्वारा टीबी उन्मूलन के लिए वर्ष 2025 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है व उनके द्वारा टीबी मरीजों के लिए प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ की महत्ता को भी बताया गया। साथ ही यह भी बताया कि टी0बी0 की बीमारी दो प्रकार की होती है एक फैलने वाली टीबी तथा दूसरी बिना फैलने वाली टीबी। फैलने वाली टीबी की जांच बलगम के द्वारा की जाती है। यह जांच सीबीनाट के माध्यम से की जाती है। बिना फैलने वाली टीबी में बगल में गांठ का होना, रीढ़ की हड्डी में टीबी का होना तथा दिमाग की टीबी का होना। टीबी का इलाज डॉट्स के द्वारा दिया जाता है। यह इलाज 6 महीने तक चलता है।