योग एक अनुशासन है जो शारीरिक मुद्राओं, श्वास अभ्यास, ध्यान और नैतिक सिद्धांतों को जोड़ता है-कांबोज

इंद्री।। इंद्री के गांव मखाला में स्थित दून पब्लिक स्कूल में एक दिवसीय योग शिविर का आयोजन किया गया ।
इस योग शिविर में योग शिक्षक विजय कांबोज ने पहुंच कर स्कूल शिक्षकों ओर विद्यार्थियों को योगाभ्यास करवाया गया। इस शिविर में सूर्य नमस्कार का अभ्यास भी करवाया गया। इस अवसर पर योग शिक्षक कांबोज ने योग के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि योग एक प्राचीन संस्कृति है जो सदियों से लोगों को उनके शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता रहा है। योग का अभ्यास केवल शारीरिक आसन करने के बारे में नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को शामिल करता है। योग जीवन जीने की कला है।

योग एक अनुशासन है जो शारीरिक मुद्राओं, श्वास अभ्यास, ध्यान और नैतिक सिद्धांतों को जोड़ता है। योग का सार मन, शरीर और आत्मा के बीच सामंजस्य स्थापित करना है। जीवन में योग के महत्व को लचीलेपन को बढ़ाने, मुद्रा में सुधार करने और ताकत बढ़ाने की इसकी क्षमता के माध्यम से देखा जा सकता है। इसके अलावा, यह तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में सहायता करता है, इस प्रकार मानसिक स्पष्टता और भावनात्मक स्थिरता को बढ़ावा देता है।
हमारे जीवन में योग के महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता। ऐसे जीवन में जहाँ तनाव और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियाँ आम हैं, योग मन और शरीर के लिए बहुत ज़रूरी आश्रय प्रदान करता है।
इस अवसर पर स्कूल की मुख्याध्यापिका अंजू कांबोज ने कहा कि मानव जीवन में योग की उपयोगिता बस इस बात से समझी जा सकती है कि योग सुख और खुशी प्राप्त करने का सरल माध्यम है। यह सिर्फ ऊर्जान्वित नहीं करता अपितु मानव के अंदर आत्मविश्वास का संचार भी करता है। नियमित योग करने से सदाचार को अकूत बल मिलता है। अतः अपनी दिनचर्या में योग को भी स्थान दें। इस अवसर पर सुखदेव शर्मा, अनिल राणा,रविंदर शर्मा,राम रतन कंबोज,राजेंद्र कंबोज,प्रमोद गोयत,संदीप गर्ग,आशा शर्मा, नेहा शर्मा, रोमा,गीता,मीना,सीमा,रजनी,आरती विमल,मधु, विजेता, शगुन पूनम,रितिका,उषा,निशा, देवेंद्र कौर,गुरमीत कौर, मीनाक्षी, पूजा सहित अन्य सभी अध्यापक गण मौजूद रहे।

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