छिंदवाड़ा: मोबाइल पर गेम खेलना एक छात्र के लिए जानलेवा हो गया। छात्र ने मोबाइल पर फ्री फायर गेम खेलते-खेलते फांसी लगाकर जान दे दी। इससे पहले भी मोबाइल गेम की वजह से कई नाबालिग बच्चे अपनी जान दे चुके हैं। विशेषज्ञों की मानें तो मोबाइल गेम में बच्चे टास्क अचीव न कर पाने की वजह से अवसाद में आ जाते हैं और ऐसा कदम उठा लेते हैं। यह घटना भी कुछ ऐसी ही है।
दरअसल, छिंदवाड़ा के विद्यानिकेतन स्कूल का 10वीं के छात्र भाग्य यादव ने अपने पिता दिलीप यादव से स्कूल के होमवर्क को पूरा करने के लिए अपने मोबाइल फोन खरीदने की बात कही थी। भाग्य के पिता ने उसे 10 हजार रुपए का मोबाइल फोन खरीद कर दे दिया था। छात्र भाग्य यादव स्कूल का होमवर्क पूरा करने की बजाय मोबाइल फोन में फ्री फायर गेम डाउनलोड कर लिया। अब वह दिन भर उसी गेम में व्यस्त रहने लगा।
फांसी के फंदे पर झूल गया नाबालिग
रविवार की सुबह भी वह मोहल्ले में किसी दोस्त के घर बैठकर गेम खेल रहा था। लगभग 11 बजे वह अचानक दौड़ता हुआ अपने घर आया। उसने एक कपड़े की मदद से फांसी का फंदा बनाया और उसी फंदे पर झूल गया। उसके दोस्त जब दोपहर 12 बजे क्रिकेट खेलने के लिए उसके घर बुलाने पहुंचे तो देखा कि वह फांसी के फंदे पर लटका हुआ है। पुलिस को सूचना दी गयी। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं नाबालिग ने फांसी क्यों लगाई इसका पता लगाया जा रहा है।
लड़की से आईडी में बात करता था नाबालिग
नाबालिग छात्र की मौत के बाद एक और एक बड़ा खुलासा हुआ है। मृतक भाग्य यादव के दोस्तों ने बताया है कि वह फ्री फायर गेम डेली खेलता था। उस गेम में उसे एक लड़की की आईडी मिली थी। घटना से 2 दिन पहले से वह उसी आईडी पर किसी लड़की से बात करता था। दोस्तों से पूछता था कि फांसी कैसे लगाते हैं। जब दोनों दोस्तों ने इस विषय में उसे जानकारी नहीं दी तो रविवार की सुबह 11:00 बजे नाबालिग घर पहुंचा और फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। फिलहाल पुलिस द्वारा इसकी पुष्टि नही की गई है।