इंद्री विजय कांबोज।।
कल से रमजान के पाक महीने की शुरुआत हो रही है। इसे माह-ए-रमजान भी कहा जाता है। माहे रमजान में मुस्लिम धर्म के लोग रोजा रखते हैं। जिसमें दिन भर बिना खाना खाये रहने के बाद शाम के समय पानी पीकर रोजा खोला जाता है। दारुल उलूम शाह वलीउल्लाह मदरसे के मौलाना राशिद वफा नदवी ने बताया कि माहे रमजान बरकतों का महीना है। जिसकी शुरुआत मंगलवार से हो जाएगी। मंगलवार को मुस्लिम धर्म के मानने वाले पहला रोजा रखेंगे। उन्होंने बताया कि रमजान की शुरुआत चांद को देखने से होती है। सबसे पहले सऊदी अरब में रमजान का चांद दिखाई देता है। इसके बाद भारत सहित अन्य देशों में रमजान के चांद दिखाई देता है ओर अगले दिन से रमजान की शुरुआत होती है। उन्होंने कहा कि रोजा रखने वाला शख्स सूर्य उगने से पहले खाना खाता है। जिसे सहरी नाम से जाना जाता है। सहरी करने का समय पहले से ही निर्धारित कर दिया जाता है। उन्होंने बताया कि दिनभर बिना खाए-पिए रोजा रखने के बाद शाम को नमाज पढ़ी जाती है और पानी पीकर व फल खाकर रोजा खोला जाता है। यह शाम को सूरज ढलने पर मगरिब की अजान होने पर खोला जाता है। इसे इफ्तार के नाम से जाना जाता है। उन्होंने बताया कि पूरा महीना रोजा रखने के बाद ईद का त्यौहार आता है। जिसे सभी लोग आपस मे गले लगकर बड़े हर्षोल्लास से मनाते हैं।
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