दिव्यांग बच्चों की पहचान करना और उनका स्कूलों में पंजीकरण करना पहला काम है-रिर्सोस पर्सन अरूण कैहरबा/महिन्द्र कुमार

इंद्री विजय कांबोज।। दिव्यांग बच्चों की शिक्षा के प्रति संवेदना पैदा करने के लिए राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के समावेशी केंद्र में दो दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम की आईईडी केंद्र की संयोजक एवं प्रिंसिपल वंदना चावला की अध्यक्षता में शुरुआत हुई। कार्यक्रम में रिसोर्स पर्सन अरुण कैहरबा व महिंद्र कुमार ने दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों तथा अध्यापकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि दिव्यांग बच्चों की पहचान करना और उनका स्कूलों में पंजीकरण करना पहला काम है। उन्होंने कहा कि दिव्यांग बच्चों की शिक्षा के प्रति उनके अभीभावकों की चिंताओं का समाधान करते हुए उन्हें विश्वास दिलाना जरूरी है कि उनके बच्चे स्कूल में आकर ज्यादा सीख सकते हैं। अरुण कैहरबा ने कहा कि सामान्य बच्चों के साथ दिव्यांग बच्चों की शिक्षा मजबूती के साथ आगे बढ़ाने के अनुभव साकारात्मक परिणाम देते हैं। विशेष स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों का सामाजिक विकास बाधित होता हैं तथा इन बच्चों का समाज में समायोजन भी ठीक प्रकार से नहीँ हो पाता। उन्होंने कहा कि घर और स्कूलों में दिव्यांग बच्चों के दैनिक जीवन कौशलों के विकास की योजना बना कर उन्हें व्यवहारिक तरीके से लागु करना चाहिए। रिसोर्स पर्सन महिंद्र कुमार ने कहा कि दिव्यांग बच्चे छल, कपट, झूठ को बहुत ही कम जीवन में अपनाते हैं। वह जैसे अंदर से हैं,वैसे ही बाहर से दिखाई देते हैं। उन्होंने कहा कि दिव्यांग बच्चों की बाधाओं की पहचान करने में विशेष शिक्षकों की मदद महत्वपूर्ण हो सकती है। विशेष शिक्षक अमित पंवार ने दो दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम में शामिल अध्यापकों व दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों से बच्चों की समस्याओं पर चर्चा की और  उनके निराकरण के लिए सुझाव दिए। जागरूकता कार्यक्रम में डॉ. राजेश कुमार, रोशन लाल शास्त्री,प्रिंसिपल शशिभूषण शर्मा, रामिंदर, मुख्यध्यापक सचिन गाँधी,अनीश गाँधी, धनपाल,रविंदर कुमार, मानसिंह, राजीव, जगदीश,धर्मबीर लठवाल, राजिंदर कुमार, दिनेश, रविन्द्र शिल्पी ने भाग लिया।

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