साइबर ठगी के केस बढने की जिम्मेदार गठबंधन सरकार: कुमारी सैलजा

भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार करे पीड़ितों को हुए नुकसान की भरपाई करे

पोर्टलबाजी हो रही फेल, लोगों का डाटा हो रहा चोरी

चंडीगढ़ विजय कांबोज। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं उत्तराखंड की प्रभारी कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश में लगातार बढ़ रही साइबर ठगी के लिए भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार जिम्मेदार है। सरकार पोर्टलबाजी की जिद्द पर अड़ी है, जबकि फेल हो चुकी इसी पोर्टलबाजी के कारण लोगों का डाटा चोरी हो रहा है, जिससे अपराधी उनके बैंक खाते साफ कर रहे हैं। इसलिए ठगी के शिकार तमाम लोगों के नुकसान की भरपाई राज्य सरकार को करनी चाहिए।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि देश में 2023 में साइबर ठगी के मामलों का अध्ययन करते हुए इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर ने ताजा रिपोर्ट जारी की है। इससे पता चलता है कि देश में दिल्ली के बाद साइबर ठगी के सबसे अधिक मामले हरियाणा में सामने आए हैं। रिपोर्ट बताती है कि हरियाणा के प्रत्येक 10 लाख लोगों में से 303 को साइबर अपराधियों ने अपना निशाना बनाया। इससे साफ है कि बैंक खाते लगातार साफ हो रहे हैं और सरकारी योजनाओं व विभिन्न पोर्टल के डाटा में साइबर अपराधी सेंधमारी कर चुके हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीपीपी, बिजली निगम व राजस्व विभाग के डाटा में सेंध लगने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। कभी राजस्व विभाग में होने वाली रजिस्ट्री को पोर्टल पर अपलोड करने के बाद यहां से लोगों के फिंगर प्रिंट की क्लोनिंग करके साइबर अपराधी उनके बैंक खातों को साफ कर देते हैं। यह राशि बिहार, महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी जाती है, ऐसे सबूत हरियाणा पुलिस को भी मिल चुके हैं।

कुमारी सैलजा ने कहा कि इससे पहले राजस्व विभाग की वेबसाइट से जमाबंदी का डाटा लीक हो गया था। इस डाटा से फिंगर प्रिंट उठाकर उसकी क्लोनिंग से बैंक खातों से रुपये उड़ा लिए गए। हरियाणा पुलिस ने तो बाकायदा इस बारे में राजस्व विभाग को पत्र भी लिख दिया था कि उनकी वेबसाइट से लोगों के फिंगर प्रिंट की क्लोनिंग हो रही है। फरीदाबाद साइबर पुलिस तीन आरोपियों को बिहार से अरेस्ट भी किया था, जिन्होंने लोगों के खाते साफ किए। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रदेश के 67 लाख बिजली उपभोक्ताओं का डाटा साइबर अपराधियों तक पहुंचना भी किसी से छिपा नहीं है। जिस तरह के मैसेज बिजली उपभोक्ताओं को मिलते हैं, उससे साफ है कि सरकारी डाटा में सेंध लग चुकी है। परिवार पहचान पत्र के सर्वर में सेंधमारी की घटना किसी से छिपी नहीं है। यह सेंधमारी सॉफ्टवेयर में खामी के चलते होती रही। बाकायदा जब मीडिया में मामला उजागर हुआ तो जींद, फतेहाबाद, हिसार आदि जगहों से कई लोगों की गिरफ्तारी भी हुई।

कुमारी सैलजा ने कहा कि बार-बार हो रही घटनाओं से साफ है कि प्रदेश सरकार की किसी भी वेबसाइट पर लोगों का डाटा बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है। प्रदेश के लोगों के डेटा को वेबसाइट पर डाल कर भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने उनके लिए एक नई मुसीबत खड़ी कर दी है, जो साइबर ठगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। सरकार की लापरवाही से ठगे गए लोगों के नुकसान की भरपाई अब प्रदेश सरकार को करनी चाहिए।

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