हरियाणा में लोकसभा चुनाव में आईएएस ऑफिसरों की गृह जिले में तैनाती की शिकायतें लगातार भारतीय चुनाव आयोग (ECI) तक पहुंच रही हैं। इस बार पंचकूला के उपायुक्त (DC) सुशील सारवान की तैनाती को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इसकी वजह यह है कि उनकी तैनाती अंबाला उनके गृह जिले में है। सबसे अहम बात यह है कि इलेक्शन प्रॉसेस में डीसी के पास जिला रिटर्निंग ऑफिसर (RO) की पावर होती है।
यही नहीं सुशील सारवान का परिवार राजनीतिक तौर से भी जुड़ा हुआ है। सारवान की मां पूर्व में अंबाला के बराड़ा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुकी हैं। ECI को की गई शिकायत में कहा गया है कि उनकी तैनाती नियमों के विपरीत है, इसलिए नियमानुसार उनका तबादला होना चाहिए। ऐसी ही शिकायत पर हाल ही में सिरसा की MP सुनीता दुग्गल के IPS पति राजेश दुग्गल का तबादला गुरुग्राम से पुलिस मुख्यालय में किया गया था।
ऑफिसों में जींस-टी शर्ट पर रोक लगा चुके
हरियाणा के पंचकूला जिले के ऑफिसों में जींस पहने पर रोक लगा दी गई है। हाल ही में पंचकूला के डिप्टी कमिश्नर (डीसी) का पद संभालने वाले वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सुशील सारवान ने जिले के सभी सरकारी और गैर-सरकारी ऑफिसों में ड्रेस कोड लागू करने के आदेश दिए हैं।
उन्होंने कर्मचारियों को फॉर्मल ड्रेस पहनकर दफ्तर आने के लिए कहा है। DC ने अपने इस आदेश के पीछे तर्क दिया कि वह खुद अनुशासन में रहते हैं और बाकी कर्मचारियों/अधिकारियों को भी अनुशासन में रहना चाहिए।
CS-CPSCM की भी शिकायत
अभी हरियाणा में मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद और मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर को हटाने की भी चुनाव आयोग से शिकायत की गई है। सूत्रों की माने तो मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद के पास अभी 3 महत्वपूर्ण विभाग हैं। हालांकि तीन विभागों का चार्ज होने की शिकायत पर सरकार की ओर से भारतीय चुनाव आयोग को जवाब भेज दिया गया है, लेकिन अभी आयोग की तरफ से इस मामले में कोई जवाब नहीं आया है।
ECI के ट्रांसफर के क्या है मापदंड
लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय चुनाव आयोग की ओर से राज्यों को जारी निर्देश में किसी भी अधिकारी व कर्मचारी के तबादले का आधार संसदीय क्षेत्र को बनाया गया है। मसलन चुनाव के दौरान अपने गृह जिले वाले संसदीय क्षेत्र में अफसरों की तैनाती नहीं की जाएगी।
इसी आधार पर ही चुनाव आयोग के पास अफसरों व कर्मचारियों की शिकायतें पहुंच रही हैं।
RO के लिए ECI में स्पष्ट गाइडलाइन नहीं
चुनावी प्रक्रिया में आरओ यानी रिटर्निंग अफसर की अहम भूमिका होती है। वह सीधे तौर से चुनाव से जुड़ा होता है। जबकि उपायुक्त यानी जिला चुनाव अधिकारी को लेकर आयोग की हिदायत स्पष्ट नहीं है। यही वजह है कि पंचकूला के उपायुक्त सुशील सारवान के मामले में सरकार ने चुनाव आयोग से स्पष्ट निर्देश मांगा है। अब चुनाव आयोग की ओर से जिस तरह का निर्देश आता है वैसे ही सरकार की ओर से कार्रवाई की जाएगी।